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Surya Shashthi Vrat 2022 Mahatva: सूर्य षष्ठी का दिन है बेहद खास, सूर्य पूजन से दूर होंगे आपके सभी त्रास

Surya Shashthi Vrat 2022 Mahatva: मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की पूजा के साथ साथ गायत्रि मंत्र का उच्चारण भी शुभ माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, सूर्य षष्ठी के दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

Updated on: 02 Sep 2022, 11:41 AM

नई दिल्ली :

Surya Shashthi Vrat 2022 Mahatva: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी व्रत मनाया जाता है. इस साल सूर्य षष्ठी व्रत 2 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार यानी कि आज रखा जा रहा है. यह व्रत भगवान सूर्य देव की आराधना एवं पूजा से संबंधित है. मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की पूजा के साथ साथ गायत्रि मंत्र का उच्चारण भी शुभ माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, सूर्य षष्ठी के दिन भगवान सूर्य देव की पूजा करने से न सिर्फ व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं बल्कि उसका भाग्य भी चमक उठता है. ऐसे में आइए जानते हैं सूर्य षष्ठी के महत्व के बारे में.  

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सूर्य षष्ठी व्रत 2022 महत्व (Surya Shashthi Vrat 2022 Mahatva)
सूर्य देव को सृष्टि के संरक्षण करता के रूम में पूजा जाता है. जीवों से लेकर वनस्पतियों तक सूर्य देव की किरणें ही इन्हें पोषण पहुंचाने का काम करती हैं. अत: इस दिन सूर्य भगवान की आराधना जो श्रद्धालु विधिवत तरीके से करते हैं उन्हें पुत्र, आरोग्य और धन की प्राप्ति होती है. 

सूर्य देव की शक्ति का उल्लेख वेदों में, पुराणों में और योग शास्त्र आदि में विस्तार से किया गया है. सूर्य की उपासना सर्वदा शुभ फलदायी होती है. अत: सूर्य षष्ठी के दिन जो भी व्यक्ति सूर्यदेव की उपासना करता है वह सदा दुख एवं संताप से मुक्त रहता है. 

इस दिन श्रद्धालुओं द्वारा भगवान सूर्य का व्रत रखा जाता है. सूर्य प्राचीन ग्रंथों में आत्मा एवं जीवन शक्ति के साथ साथ आरोग्यकारक माने गए हैं. पुत्र प्राप्ति के लिए भी इस व्रत का महत्व अत्यधिक बताया गया है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत का पूर्ण रूप से पालन करता है उसकी संतान या होने वाली संतान को कभी भी कोई रोग नहीं जकड़ता और उसका व्यक्तित्व तेज से परिपूर्ण होता है. 

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इस व्रत को श्रद्धा तथा विश्वास से रखने पर पिता-पुत्र में प्रेम बना रहता है. सूर्य की रोशनी के बिना संसार में कुछ भी नहीं होगा सूर्य की किरणें जीवन का संचार करती हैं प्राणियों में शक्ति एवं प्रकाश उजागर करती हैं. सूर्य की उपासना से शरीर निरोग रहता है. माना जाता है कि सूर्य षष्ठी के दिन रखे गए इस व्रत से न सिर्फ पुराने से पुराना रोग दूर होता है बल्कि शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार बना रहता है. 

सूर्य षष्ठी को जो व्यक्ति सूर्य की उपासना तथा व्रत करते हैं उनकी समस्त व्याधियां दूर होने लगती हैं. सूर्य चिकित्सा का उपयोग आयुर्वेदिक पद्धति तथा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता है. सूर्य षष्ठी के दिन सूर्य पूजन से व्यक्ति के मान सम्मान में भी वृद्धि होती है और व्यक्ति के जीवन से किसी भी प्रकार का कलंक दूर हो जाता है. 

शारिरिक दुर्बलता, हड्डियों की कमजोरी या जोड़ो में दर्द जैसी तकलीफें सूर्य की किरणों द्वारा ठीक हो सकती हैं. सूर्य की ओर मुख करके सूर्य स्तुति करने से शारीरिक चर्मरोग आदि नष्ट हो जाते हैं. साथ, इस दिन सूर्य पूजा से मानसिक बल की भी प्राप्ति होती है.