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रविवार के दिन इन उपायों से सूर्य देव को करें प्रसन्न, समाज में बढ़ेगा मान-सम्मान

ग्रंथों के अनुसार हफ्ते भर में सूर्य को दिए जल से कई गुना ज्यादा पुण्य रविवार के दिन सूर्य को अर्पित करने से मिलता है. 

Updated on: 09 Jan 2022, 08:48 AM

highlights

  • नियमित रूप से पूजा करने से भक्तों के दुखों का नाश होता है
  • समाज में मान-सम्मान भी मिलता है, वहीं अहम कार्यों में सफलता मिलती है
  • रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है

नई दिल्ली:

Ravivar Remedy: हिंदू धर्म में रविवार (Sunday) का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित माना जाता है. इस दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना से मनोवांछित लाभ मिल सकता है. सूर्य देव (Surya Dev) की नियमित रूप से पूजा करने से भक्तों के दुखों का नाश होता है. इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान भी मिलता है. वहीं अहम कार्यों में सफलता मिलती है. ग्रंथों के अनुसार हफ्ते भर में सूर्य को दिए जल से कई गुना ज्यादा पुण्य रविवार के दिन सूर्य को अर्पित करने से मिलता है.  इस दौरान पूजा-अर्चना के साथ आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ (Aatiya Hirdya Stotra Path) करने से सूर्य देव (Surya Dev) प्रसन्न होते हैं. वे सभी भक्तों की  मनोकामनाएं पूरी करते हैं. सूर्य देव ऐसे देवता हैं जो भक्तों को प्रत्यक्ष रूप से नियमित दर्शन देते रहते हैं. शास्त्रों के अनुसार कुंडली में सूर्य शुभ स्थान पर होने पर व्यक्ति का भाग्योदय होता है. सूर्य देव को ऐसी मान्यता है कि रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है. 

कुछ खास उपाय हैं, जिससे सूर्य देव प्रसन्न हो सकते हैं:

- रविवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें. ऐसा कहा जाता है कि ये करने से आर्थिक तंगी (Money Problem) की समस्या का हल होता है. वैसे आप चाहें तो रविवार को जल में थोड़ा गुड़ मिलाकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दे सके हैं. इसे शुभ माना जाता है.

- मान्यता के अनुसार, सूर्य देव को लाल रंग बेहद प्रिय है. इस कारण अगर आप सूर्य देव को जल अर्पित करने से पहले उसमें थोड़ा कुमकुम डाल दें तो यह उपाय भी सूर्य को प्रसन्न कर सकता है. इस तरह लाल रंग का फूल भी सूर्य भगवान को अर्पित किया जा सकता है. 

- कुंडली में सूर्य की स्थिति को ताकतवर बनाने के लिए रविवार के दिन व्रत करना चाहिए (Keep fast on sunday). व्रत करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. व्रत में नमक का उपयोग न करें.