Stri Dosh in Kundali: कुंडली में स्त्री दोष क्या है, जानें इससे क्या नुकसान होता है 

Stri Dosh in Kundali: : स्त्री दोष ज्योतिष शास्त्र में एक अवधारणा है, जो स्त्री के लिए अशुभ मानी जाती है. यह माना जाता है कि स्त्री दोष के कारण स्त्री के जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं.

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Inna Khosla
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Stri Dosh in Kundali

Stri Dosh in Kundali( Photo Credit : News Nation)

Stri Dosh in Kundali: कुंडली में "स्त्री दोष" एक ज्योतिषीय शब्द है जो ग्रहों के स्थिति और कुंडली के क्षेत्रों को आधार मानकर पाया जाता है. इस दोष का मुख्य उद्देश्य स्त्री के जीवन में आने वाली समस्याओं का पूर्णात्मक विश्लेषण करना होता है. स्त्री दोष के मुख्य कारक ग्रहों की स्थिति होती है, जैसे कि चंद्रमा, शनि, राहु, और केतु के प्रभाव. यदि इन ग्रहों की दशा अथवा गोचर में कोई अनुकूल नहीं होती है, तो व्यक्ति को स्त्री दोष का सामना करना पड़ सकता है. स्त्री दोष के प्रभाव की विभिन्न लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि स्त्री के विवाह में देरी, पति के साथ असंतोष, संतान में समस्याएं, और विवाहित जीवन में स्थायी संघर्ष. स्त्री दोष का समाधान विभिन्न ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से किया जा सकता है, जैसे कि मंत्र, यंत्र, और धार्मिक उपाय. इन उपायों का प्रभाव स्त्री के जीवन में समृद्धि, सुख, और समानता लाने में मदद कर सकता है. कुंडली में स्त्री दोष का विश्लेषण करके ज्योतिषाचार्य समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और व्यक्ति को समाधान की दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं. स्त्री दोष ज्योतिष शास्त्र में एक अवधारणा है, जो स्त्री के लिए अशुभ मानी जाती है. यह माना जाता है कि स्त्री दोष के कारण स्त्री के जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं.

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स्त्री दोष कब बनता है?

कुंडली में स्त्री दोष कई तरह से बन सकता है. अगर  कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर या नीच राशि में हो तो स्त्री दोष बन सकता है.  कुंडली में शुक्र ग्रह मंगल या राहु के साथ संबंध बनाता है तो स्त्री दोष बन सकता है. अगर आपकी कुंडली में मंगल ग्रह का प्रभाव अधिक हो तो स्त्री दोष बन सकता है.

स्त्री दोष के नुकसान: स्त्री दोष के कारण स्त्री के जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं, जिनमें शामिल हैं

विवाह में देरी: स्त्री दोष के कारण विवाह में देरी हो सकती है या विवाह में बाधाएं आ सकती हैं.

विवाह में अस्थिरता: स्त्री दोष के कारण विवाह में अस्थिरता या तलाक हो सकता है.

संतान प्राप्ति में कठिनाई: स्त्री दोष के कारण संतान प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है.

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: स्त्री दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

मानसिक तनाव: स्त्री दोष के कारण मानसिक तनाव और चिंता हो सकती है.

स्त्री दोष से बचने के उपाय:

स्त्री दोष से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं. शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को व्रत रखना, शुक्र ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप करना, और शुक्र ग्रह से संबंधित रत्न धारण करना आदि उपाय किए जा सकते हैं. मंगल ग्रह का प्रभाव कम करने के लिए मंगलवार को व्रत रखना, मंगल ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप करना, और मंगल ग्रह से संबंधित रत्न धारण करना आदि उपाय किए जा सकते हैं. स्त्री दोष से बचने के लिए ज्योतिषी से सलाह लेना भी एक अच्छा उपाय है. स्त्री दोष एक अंधविश्वास भी हो सकता है. आपको स्त्री दोष के बारे में चिंता है, तो ज्योतिषी से सलाह लेना और उचित उपाय करना महत्वपूर्ण है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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