Sri Sri Ravi Shankar: श्री श्री रवि शंकर से जानें योग का जीवन में महत्व
Sri Sri Ravi Shankar : योग, जिसे हम अक्सर एक शारीरिक और मानसिक अभ्यास के रूप में सोचते हैं, वास्तव में एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है. इसकी मूल उत्पत्ति संस्कृत शब्द "युज" से होती है, जिसका अर्थ होता है "मिलाना" या "एकत्र करना".
नई दिल्ली :
Sri Sri Ravi Shankar: श्री श्री रवि शंकर, एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, योग के प्रशंसक हैं और उन्होंने योग को लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में प्रमोट किया है. उनके अनुसार, योग हमें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्थिति को संतुलित रखने में मदद करता है. योग, जिसे हम अक्सर एक शारीरिक और मानसिक अभ्यास के रूप में सोचते हैं, वास्तव में एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है. इसकी मूल उत्पत्ति संस्कृत शब्द "युज" से होती है, जिसका अर्थ होता है "मिलाना" या "एकत्र करना". योग का ध्येय हमें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्तर पर संतुलित और समृद्ध जीवन प्रदान करना है.
योग के प्रकार
योग कई प्रकार का होता है, जिनमें से प्रमुख हैं:
हठ योग: इसमें आसन, प्राणायाम, ध्यान, और ब्रह्मचर्य के अभ्यास शामिल होते हैं.
भक्ति योग: इसमें भक्ति और श्रद्धा के माध्यम से दिव्यता का अनुभव किया जाता है.
ज्ञान योग: इसमें ज्ञान की प्राप्ति के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति की जाती है.
कर्म योग: इसमें कर्म को भगवान को समर्पित करने का उपाय बताया जाता है.
योग के लाभ
योग का अभ्यास करने से हमें कई लाभ प्राप्त होते हैं.
शारीरिक लाभ: योग शारीरिक लाभ प्रदान करता है, जैसे कि शारीरिक कसरत, लांबाई बढ़ाना, और स्वास्थ्य सुधारना.
मानसिक लाभ: योग हमारे मानसिक स्थिति को सुधारता है, जैसे कि चिंता कम करना, मन को शांत करना, और मानसिक स्थिरता प्राप्त करना.
आध्यात्मिक लाभ: योग आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है, जैसे कि आत्म-ज्ञान, ध्यान, और आत्म-समर्पण.
योग के अभ्यास के लिए स्थान और समय
योग के अभ्यास के लिए सबसे उपयुक्त समय सुबह का होता है, जब हमारे मन और शरीर ताजगी से भरपूर होते हैं. अधिकांश योगासन और प्राणायाम की अभ्यासन की स्थिति में सुबह का समय बेहतर होता है. योग का अभ्यास करने के लिए कोई विशेष स्थान की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन एक शांत और सुखद वातावरण चयन करना उपयुक्त होता है.
योग के लिए आवश्यक सामग्री
योग के अभ्यास के लिए कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन कुछ आसन और प्राणायाम के लिए एक योग मैट और सुविधाजनक कपड़े की आवश्यकता होती है. ध्यान और प्राणायाम के लिए एक चौकी, या आसन करने के लिए एक योगा ब्लॉक उपयुक्त होता है.
संगीत और योग
कई लोग योग के अभ्यास के दौरान संगीत का सहारा लेते हैं। संगीत की ध्वनि और ताल का अभ्यास करते समय योग का अभ्यास अधिक ध्यानात्मक और आनंदमय होता है.
आत्म-साक्षात्कार
योग के अभ्यास के द्वारा हम अपने आत्मा को समझते हैं और उसके साथ साक्षात्कार करते हैं। योग हमें अपने अंतरात्मा की ओर ले जाता है और हमें एक में एकत्र करता है.
योग एक अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयुक्त अभ्यास है जो हमें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्तर पर संतुलन और सुख देता है. श्री श्री रवि शंकर जैसे आध्यात्मिक गुरुओं के माध्यम से योग के महत्व को समझना और उसे अपने जीवन में शामिल करना हमारे लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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