जन्माष्टमी 2018: माखन मिश्री के अलावा इन 7 मिठाइयों से लगा सकते हैं भगवान श्रीकृष्ण को भोग
कृष्ण जन्म को कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में उनके जन्मस्थल मथुरा सहित पूरे देश में जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों से चल रही है। हर साल भगवान कृष्ण के भक्त जन्माष्टमी का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं।
नई दिल्ली:
कृष्ण जन्म को कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में उनके जन्मस्थल मथुरा सहित पूरे देश में जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों से चल रही है। हर साल भगवान कृष्ण के भक्त जन्माष्टमी का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं। पूरी रात भगवान कृष्ण के जन्मदिन का जश्न धूमधाम से मनाया जाता हैं। मंदिरों से लेकर घरों तक 56 भोग लगाया जाता है। तो आइए जानतें हैं सात ऐसी मिठाइयां जिससे भगवान कृष्ण को भोग लगा सकते हैं।
भगवान कृष्ण को भोग लगाने का सबसे प्रसिद्ध भोग पेड़ा है। पेड़ा को ताजे मावे, दूध, चीनी, घी और इलायची पाउडर को मिलाकर बनाया जाता है। पेड़ा का रंग थोड़ा ब्राउन होता है और इसका प्रयोग तब करना चाहिए जब यह ताजा और मुलायम हो। इस दिन उपवास करने वाले भक्त अक्सर पेड़ा को उपवास के भोजन के रूप में लेते हैं।
चरणामृत या पंचामृत 5 खाद्य पदार्थों का एक मीठा और दूधिया मिश्रण है। इसलिए इसे पंचामृत कहा जाता है। 'पंच' शब्द संस्कृत का शब्द है। 'पंच' का अर्थ है पांच। और मृत का मतलब अमृत से है। पंचमृत को शहद, गुड़, दूध, दही और घी को मिलाकर बनाया जाता है। बताया जाता है कि पंचमृत से भगवान कृष्ण की मूर्ति को धुला जाता है और उसके बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है। चरणामृत का अर्थ होता है भगवान के चरणों का अमृत और पंचामृत का अर्थ पांच अमृत यानि पांच पवित्र वस्तुओं से बना। दोनों को ही पीने से व्यक्ति के भीतर जहां सकारात्मक भावों की उत्पत्ति होती है वहीं यह सेहत से जुड़ा मामला भी है।
धनिया पंजीरी उत्तरी भारत, विशेष रूप से पंजाब और उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी के मौके पर तैयार की जाती है। यह धनिया बीज पाउडर, चीनी, घी, कटे हुए बादाम, किशमिश, काजू और मिश्री से बनाया जाता है। पंजीरी को ज्यादातर लोग भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटते हैं।
भारतवासियों के लिए खीर और त्यौहार का प्रेम सदियों से चला आ रहा है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आज कोई त्यौहार या कोई शादी विवाह हो। लोग खीर बनाने या बनवाने का राश्ता तो खुद ही ढूंढ लेते हैं। खीर को दूध और चावल द्वारा बनाया जाता है। इसमें इलायची, किशमिश, केसर, काजू, पिस्ता और बादाम का मिश्रण डालकर इसे तैयार किया जाता है। खीर को भी लोग जन्माष्टमी के मौके पर इसे भोग के रूप में भगवान कृष्ण को चढ़ाते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय भोग माखन मिश्री है। इसलिए जन्माष्टमी के अवर पर बाल श्री कृष्ण को माखन का भोग लगाया जाता है। माखन के संग मिसरी मिलाकर खाना बडा ही रुचिकर और सेहतमंद होता है इसलिए श्री कृष्ण माखन के संग मिसरी मिलाकर खाते थे इसलिए गिरधर को माखन के संग मिसरी का भोग भी लगता है।
जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्री कृष्ण को रबड़ी का भी भोग लगा सकते हैं। दूध, चीनी, और बादाम के मिश्रण से रबड़ी को तैयार किया जाता है।
भगवान विष्णु से उत्पन्न तिल श्री कृष्ण को प्रिय है इसलिए इनकी पूजा में तिल का प्रयोग होता है काले तिल से बना कोई भी चीज श्री कृष्ण को भोग लगा सकते हैं।
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