Solar Eclipse 2019: साल का आखिरी सूर्यग्रहण शुरू, बंद किए गए मंदिरों के कपाट

Solar Eclipse 2019 : साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लग चुका है. हालांकि यह पूर्ण सूर्यग्रहण नहीं है. इस ग्रहण में सूर्य का बाहरी हिस्‍सा दिव्‍यमान रहेगा.

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Sunil Mishra
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Solar Eclipse 2019: साल का आखिरी सूर्यग्रहण शुरू, बंद किए गए मंदिरों के कपाट

Solar Eclipse 2019: साल का आखिरी सूर्यग्रहण शुरू( Photo Credit : ANI Twitter)

Solar Eclipse 2019 : साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लग चुका है. हालांकि यह पूर्ण सूर्यग्रहण नहीं है. इस ग्रहण में सूर्य का बाहरी हिस्‍सा दिव्‍यमान रहेगा. भारत में सूर्यग्रहण 8:17 बजे लगा है और सुबह 10:57 बजे तक रहेगा. इस दौरान मंदिरों (Temples) के कपाट बंद कर दिए गए हैं. इस साल के आखिरी सूर्यग्रहण को खगोलविदों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है. रिंग्‍स ऑफ फायर इसलिए कहा गया है, क्‍योंकि इसमें सूरज का मध्य भाग ही छाया में रहेगा, जबकि बाहर का क्षेत्र प्रकाशित रहता है. इससे पहले इस साल दो बार सूर्यग्रहण लग चुका है. पहला सूर्यग्रहण 6 जनवरी और दूसरा 2 जुलाई को लगा था, जो आंशिक था. इस बार का सूर्यग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में होगा. सूर्य के साथ इस बार केतु, बृहस्पति और चंद्रमा आदि ग्रह भी हैं, जिससे ज्‍योतिषी कल्याणकारी बता रहे हैं.

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इस बार का सूर्यग्रहण राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत में नहीं दिखेगा. हालांकि दक्षिण भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा. सूर्य ग्रहण देखने के लिए दिल्ली के नेहरू तारामंडल में खास इंतजाम किए गए हैं और बड़ी-बड़ी दूरबीनें लगाई गई हैं.

बताया जाता है कि सूर्य ग्रहण का असर ब्रह्मांड के हर वस्तु पर दिखता है. इस बार सूर्यग्रहण का सूतक बुधबार रात से ही शुरू हो गया था. सूर्य ग्रहण के दौरान कोई शुभ काम नहीं किए जाते हैं. 144 साल बाद एक ऐसा संयोग बना है जिसमें अमावस्या और गुरुवार एक ही दिन पड़ रहे हैं. वहीं चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करेगा, जिससे इस महीने सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र बदलेगा.

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यह भी मान्‍यता है कि सूर्यग्रहण बच्चे, बूढ़े और बीमार लोगों के लिए नुकसानदायक होता है. इस काल में सभी प्रकार के आहार दूषित हो जाते हैं, जिसका सेवन करने से तमाम रोग पैदा होते हैं. लाल रंग की वस्तुओं पर सूर्यग्रहण का गहरा प्रभाव दिखेगा.

मान्‍यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के वक्त क्या करें और क्या न करें

  • ग्रहण काल में खाना-पीना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए.
  • आप इस दौरान गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि कर सकते हैं.
  • सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
  • सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.
  • ग्रहण खत्म होने के बाद पवित्र नदियों में स्नान कर के शुद्धिकरण कर लेना चाहिए.
  • सूतक लगने से पहले ही घर में मौजूद खाने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल लेने चाहिए.
  • यदि आपके घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसके कपाट बंद कर दें या फिर मंदिर को पर्दे से ढक दें.
  • मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धि के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

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