Sindoor Lagane ke Niyam: हिंदू धर्म में मांग भरना सुहागन स्त्रियों के लिए शुभता, प्रेम और अपने पति के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ विशेष तिथियों और दिनों पर मांग भरने से बचने की सलाह दी जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सिंदूर लगाने से पति-पत्नी के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
इन दिनों पर न भरें मांग
अमावस्या (No Moon Day)
अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है और इसे अशुभ माना गया है. इस दिन मांग भरने से वैवाहिक जीवन में कलह और अशांति बढ़ सकती है. पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आ सकती है.
चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण
ग्रहण के समय सभी धार्मिक और शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इस समय मांग भरने से वैवाहिक जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है. रिश्तों में दूरियां और तनाव बढ़ने लगता है.
श्राद्ध पक्ष (Pitru Paksha)
श्राद्ध पक्ष पितरों के तर्पण और श्रद्धा का समय होता है. इस समय मांग भरना अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इससे वैवाहिक सुख और समृद्धि कम होती है.
शनि अमावस्या या शनि प्रधान दिन
शनि के प्रभाव वाले दिनों में मांग भरने से शनि दोष बढ़ सकता है. यह पति-पत्नी के बीच तनाव और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है.
मासिक धर्म के दौरान
इस समय स्त्रियों को मांग भरने से बचना चाहिए. इसे शारीरिक और मानसिक शुद्धता के दृष्टिकोण से अशुभ माना गया है. इस समय किए गए धार्मिक कार्यों का असर कम हो सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)