Sindoor Daan: हिंदू धर्म में जानें क्या सिंदूर दान का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

Sindoor Daan: हिंदू विवाह में सिंदूर दान एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है. यह अनुष्ठान विवाह के दौरान वर द्वारा वधू की मांग में सिंदूर भरने से संपन्न होता है आइए जानें इसके महत्व.

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Inna Khosla
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Sindoor Daan Significance

Sindoor Daan Significance( Photo Credit : social media)

Sindoor Daan: ज्योतिष शास्त्र में, शादी में सिंदूरदान को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके कई धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व हैं. सिंदूरदान को पत्नी द्वारा पति के मांग में लगाना हिन्दू समाज में प्राचीन परंपरा है. इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है और इसका धारण करना पति की दीर्घायु और सुख-शांति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिंदूरदान का धारण करना पति के लिए शुभ और लंबे जीवन की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है. सिंदूरदान का रंग लाल होता है, जो कि प्रेम और रक्त का प्रतीक है और पति-पत्नी के बीच प्रेम और सम्बन्ध की गहराई को दर्शाता है. सिंदूरदान का अनुसरण करने से जीवन में सौभाग्य, संपत्ति, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, यह पति की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसलिए, शादी में सिंदूरदान का महत्व बहुत अधिक है और यह एक पत्नी के लिए उसके पति के प्रति वफादारी और प्रेम का प्रतीक है.

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धार्मिक महत्व

पतिव्रता का प्रतीक माना जाता है. सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है. शादी के समय पति द्वारा पत्नी की मांग में सिंदूर लगाना यह दर्शाता है कि वह अब उसका पति है और वह उसकी रक्षा करेगा. सिंदूरदान स्त्री की पतिव्रता का प्रतीक है और यह दर्शाता है कि वह जीवन भर अपने पति के प्रति समर्पित रहेगी. सिंदूर को देवी लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. देवी लक्ष्मी सुख, समृद्धि और वैभव की देवी हैं. शादी के समय पति द्वारा पत्नी की मांग में सिंदूर लगाने से यह आशा की जाती है कि देवी लक्ष्मी उनके घर में सदैव वास करेंगी और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करेंगी. सिंदूर को भगवान शिव और पार्वती का प्रतीक भी माना जाता है. भगवान शिव और पार्वती विवाह का प्रतीक हैं और उनका विवाह अटूट और पवित्र माना जाता है. शादी के समय पति द्वारा पत्नी की मांग में सिंदूर लगाने से यह दर्शाया जाता है कि उनका विवाह भी भगवान शिव और पार्वती के विवाह की तरह अटूट और पवित्र होगा.

ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिंदूर का संबंध मंगल ग्रह से होता है. मंगल ग्रह को साहस, पराक्रम और पुरुषत्व का ग्रह माना जाता है. शादी के समय पति द्वारा पत्नी की मांग में सिंदूर लगाने से मंगल ग्रह शांत होता है और पति-पत्नी के बीच प्रेम और तालमेल बना रहता है. ज्योतिष शास्त्र में, माना जाता है कि सिंदूर का संबंध स्त्री की कुंडली से भी होता है. शादी के समय पति द्वारा पत्नी की मांग में सिंदूर लगाने से स्त्री की कुंडली में शुभ प्रभाव पड़ता है और उसे वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त होती है. 

सिंदूरदान केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है. यह पति-पत्नी के बीच प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है. ज्योतिष शास्त्र में, सिंदूरदान को वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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