Guru Gobind Singh Jayanti 2025: वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह! आज सिख धर्म के लोगों के लिए बेहद खास दिन है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल गुरु गोविंद सिंह जी की 358 वीं जन्म वर्षगांठ मनायी जा रही है. गुरु गोबिन्द सिंह जयन्ती तिथि जनवरी 05, 2025 को रात 08 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ हुई थी जो आज 6 जनवरी को शाम 06 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए आज न सिर्फ भारत में बल्कि विश्वभर में धूमधाम से इसे मनाया जाएगा. गुरु गोबिन्द सिंह जी सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु थे. उन्होंने अपने जीवन को सिख धर्म, मानवता और न्याय की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उनकी जयंती के खास मौके पर सिख धर्म के लिए उनके महान योगदानों के बारे में जानते हैं.
गुरु गोबिन्द सिंह जी ने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की. इसका उद्देश्य सिख धर्म को संगठित करना और अन्याय, शोषण तथा धार्मिक अत्याचारों का विरोध करना था. उन्होंने खालसा के अनुयायियों को पांच ककार (केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण, कंघा) धारण करने का निर्देश दिया. गुरु गोबिन्द सिंह ने अपने चारों पुत्रों (चारे साहिबज़ादे) को धर्म और न्याय की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया. उनके परिवार का यह त्याग सिख इतिहास में अद्वितीय है. उन्होंने सिखों को यह सिखाया कि अन्याय और अत्याचार का विरोध करना धर्म का हिस्सा है. उन्होंने मुगलों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कई युद्ध लड़े और सिख समुदाय को आत्मनिर्भर बनाया.
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गुरु ग्रंथ साहिब को उन्होने सिख धर्म का अंतिम और शाश्वत गुरु घोषित किया और कहा कि भविष्य में सिख समुदाय गुरु ग्रंथ साहिब को ही अपना मार्गदर्शक मानेगा. वो एक महान कवि, योद्धा और विद्वान थे. उन्होंने कई रचनाएं लिखीं जिनमें दशम ग्रंथ प्रमुख है. उनकी रचनाएं वीरता, भक्ति और धर्म की प्रेरणा देती हैं. सिखों के अंतिम गुरु गोबिन्द सिंह जी ने जाति, धर्म, और लिंग के भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया. उन्होंने सभी को समान अधिकार और सम्मान देने की शिक्षा दी. अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने का प्रयास किया और सिख धर्म को एक मजबूत और प्रगतिशील समुदाय में बदल दिया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)