Bhavishya Malika Prediction: जगन्नाथ मंदिर की दीवारों में आयी दरारें, महाविनाश का समय आ चुका है!

Jagannath Temple Mahavinash Prediction: क्या आप जानते हैं कि जन्ननाथ मंदिर से महा विनाश से संकेत लगातार मिल रहे हैं. इस मंदिर में जो घटनाएं घटित हो रही हैं उनकी भविष्यवाणी सदियों पहले ही की जा चुकी है. कलयुग के अंत के ये संकेत क्या है आइए जानते हैं. 

Jagannath Temple Mahavinash Prediction: क्या आप जानते हैं कि जन्ननाथ मंदिर से महा विनाश से संकेत लगातार मिल रहे हैं. इस मंदिर में जो घटनाएं घटित हो रही हैं उनकी भविष्यवाणी सदियों पहले ही की जा चुकी है. कलयुग के अंत के ये संकेत क्या है आइए जानते हैं. 

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Inna Khosla
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Jagannath Temple Mahavinash Prediction

Jagannath Temple Mahavinash Prediction

Bhavishya Malika Prediction: पुरी के जगन्नाथ मंदिर की ऐतिहासिक दीवार मेघनाद पचेरी में दरारों का दिखना न केवल मंदिर की संरचना पर खतरे का संकेत है, बल्कि इससे जुड़े धार्मिक और पौराणिक महत्व को देखते हुए यह एक गहरे चिंतन का विषय बन गया है. भारत के कई धार्मिक ग्रंथों और भविष्यवाणियों में कुछ खास संकेतों को लेकर महाविनाश की चर्चा की गई है. मेघनाद पचेरी नाम की ये चारदीवारी सदियों से पुरी के जगन्नाथ मंदिर की रक्षा करती आई है. यह दीवार मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं, आक्रमणों और अन्य बाहरी खतरों से बचाती रही है. अब इस दीवार में दरारें दिखाई देने लगी हैं, और कई भक्त इसे महाविनाश का संकेत मान रहे हैं. प्राचीन ज्योतिष और भविष्यवाणियों में जगन्नाथ मंदिर के आसपास की संरचनाओं में किसी भी तरह के परिवर्तन को महाविनाश का संकेत बताया गया है.

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महाविनाश के संकेत

भविष्य मलिका के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर से जुड़े महाविनाश के संकेतों को गंभीरता से लिया जाता है. संत आचार्य महापुरुष अच्युतानंद दास द्वारा लिखित इस ग्रंथ में कहा गया है कि जब मंदिर की दीवारों या अन्य संरचनाओं में दरारें और क्षति दिखने लगेगी तो यह धरती पर एक बड़े संकट का संकेत होगा. भविष्य मलिका मान्यता देती है कि यह संकेत समाज में धर्म का पतन, अधर्म की वृद्धि और प्राकृतिक आपदाओं का आगमन दर्शाता है. इस ग्रंथ में मंदिर की संरचना की स्थिति को भविष्य के विनाशकारी घटनाओं का द्योतक बताया गया है, जिससे समाज को चेतना मिलती है.

हालांकि, मेघनाद पचेरी में दरारें आना एक वास्तुकला और संरचना की दृष्टि से एक चिंता का विषय है, लेकिन इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है. मंदिर प्रशासन और एएसआई ने दीवार की मरम्मत की योजना पर काम शुरू कर दिया है. राज्य सरकार के साथ मिलकर इसे स्थायी रूप से संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भविष्य में आने वाली किसी भी संकट का समाधान किया जा सके. मंदिर प्रशासन, भक्तों और संतों का मानना है कि इस संकट को टालने के लिए भगवान जगन्नाथ की विशेष पूजा और यज्ञों का आयोजन करना आवश्यक है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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