Significance Of Jau (Barley) in Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में बोए जाने वाली पवित्र जौ है माता रानी के भाई का प्रतीक, सर्व प्रथम ब्रह्मा जी बने थे साक्षी
Significance Of Jau (Barley) in Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में जौ बोने का अत्यधिक महत्व है. जौ के बिना नवरात्र और माता रानी की पूजा अपूर्ण मानी जाती है.
नई दिल्ली :
Significance Of Jau (Barley) in Chaitra Navratri 2022: चैत्र माह की पवित्र नवरात्रि 2 अप्रैल, 2022 यानी कि आज से शुरू हो गई है. आज नवरात्रि का प्रथम दिवस है. मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की भक्ति और उपासना करने से चित्त शांत और मन पवित्र होता है. इसके अलावा मनोकामना की भी पूर्ति होती है. नवरात्रि में ज्वारे यानी 'जौ' का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के लिए जौ का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल जौ पर ही कलश को स्थापित किया जाता है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. ऐसे में आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आखिर नवरात्रि के दौरान जौ क्यों बोया जाता है और उसका क्या महत्व है. साथ ही ये भी बताएंगे कि कैसे जौ माता रानी के भाई का प्रतीक है.
नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जौ?
जौ के बारे में धार्मिक ग्रंथों में कथा आती है कि इस जब ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की तो उस वक्त की पहली वनस्पति 'जौ' थी. मान्यता है कि सृष्टि की रचना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन हुई थी. यही कारण है कि नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के लिए पूरे विधि-विधान से जौ बोए जाते है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक जौ भगवान विष्णु का प्रतीक है, इसलिए घट स्थापना के लिए सबसे पहले जौ की पूजा की जाती है. साथ ही उसके ऊपर कलश स्थापित किया जाता है.
बता दें कि, पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु को माता पार्वती का भाई माना जाता है क्योंकि उनके और भगवान शिव के विवाह में माता की ओर से भाई के द्वारा निभाए जाने प्रत्येक रस्म को भगवान विष्णु ने ही निभाया था. यही वजह है कि जौ अगर हरा भरा रूप लेती है तो न सिर्फ माता रानी की कृपा होती है बल्कि भगवान विष्णु का भी असीम आशीर्वाद प्राप्त होता है. घर न सिर्फ धन संपदा अपितु अन्न से भी भरा रहता है.
जौ (यव) क्या होता है?
अधिकांश लोग जौ को ज्वारे भी करते हैं. संस्कृत भाष में इसे यव कहा जाता है. नवरात्रि के दौरान घर, मंदिर और अन्य पूजा स्थलों पर मिट्टी के बर्तन में जौ बोए जाते हैं. साथ ही रोजाना मां दुर्गा की पूजा से पहले इसमें जल अर्पित किया जाता है. नवरात्रि के आखिरी दिनों में यह हरा-भरा दिखने लगता है. नवरात्रि के समापन पर इसे किसी पवित्र किसी या तालाब में प्रवाहित कर दिया जाता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Babita Kapoor Birthday: करीना के बेटों ने अपनी नानी को दिया बर्थडे सरप्राइज, देखकर आप भी कहेंगे 'क्यूट'
-
Arti Singh Bridal Shower: शादी से पहले बोल्ड हुईं Bigg Boss फेम आरती सिंह, ब्राइडल शॉवर में ढाया कहर, देखें तस्वीरें
-
Nysa Devgan Birthday: 21 साल की हुईं काजोल की लाड़ली निसा, जन्मदिन पर शेयर की तीन अनदेखी तस्वीरें
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह