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Shukrawaar Upay 2023 : इस दिन करें ये खास उपाय, मां लक्ष्मी की बनी रहेगी कृपा

हिंदू पंचांग में हर सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी- देवता का दिन होता है

Updated on: 02 Feb 2023, 08:58 PM

नई दिल्ली :

Shukrawaar Upay 2023 : हिंदू पंचांग में हर सप्ताह हर दिन किसी न किसी देवी-देवता का होता है. अब ऐसे में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है. मां लक्ष्मी को धन-वैभव और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है. इनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं. इतना ही नहीं, शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह से भी संबंधित है और शुक्र ग्रह आकर्षण, धन, प्रेम और ऐश्वर्य को दर्शाता है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होगा, तो वह भी मजबूत हो जाएगा. 

शुक्रवार के दिन करें ये उपाय 
1.मां लक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाएं
शुक्रवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद सफेद रंग का वस्त्र पहनें और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और उनके पूजा में कमल का फूल जरूर अर्पित करें. इससे मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा आपके ऊपर बनीं रहेगी. 

2.नीम के पेड़ में रोजाना जल चढ़ाएं
अगर आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर है, तो स्नान करने के बाद नीम के पेड़ में जल जरूर चढ़ाएं. इससे आपके कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर होगी, तो वह दूर हो जाएगी. 

3.सफेद चीजों का दान करना होता है शुभ
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ सफेद रंग के चीजों का दान जरूर करें. 

4.इन मंत्रों का करें जाप 
ॐ शुं शुक्राय नम: या ॐ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम् सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहं.

5.मां लक्ष्मी की करें आरती 

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

नोट- आरती पूरी होने के बाद तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए