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श्रावण पूर्णिमा के दिन पहनने से आजीवन मिलते हैं ये सभी सुख ( Photo Credit : News Nation)
Shravan Purnima 2022 Significance Of Janeu: हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है. पूर्णिमा तिथि को अत्यंत फलदायी और शुभ माना गया है. साल में कुल 12 पूर्णिमा होती हैं. उन्हीं में से एक है श्रावण पूर्णिमा. श्रावण पूर्णिमा का महत्व और भी विशेष माना जाता है क्योंकि इस पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का महापर्व भी मनाया जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त, दिन गुरुवार को पड़ रही है. वहीं, पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर होगा. श्रावण पूर्णिमा के दिन जनेऊ धारण करना विशेष फलदायी माना जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं जनेऊ पहनने के मुख्य कारणों और लाभों के बारे में.
- हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में से एक यज्ञोपवीत अर्थात जनेऊ संस्कार भी है.
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा को जनेऊ धारण करने या बदलने के लिए सर्वश्रष्ठ माना जाता है.
- श्रावण पूर्णिमा के दिन सर्व प्रथम स्नान के पश्चात पूजा पाठ करना चाहिए और उसके बाद नया जनेऊ धारण करना चाहिए.
- शास्त्र वर्णित विधि के अनुसार, जनेऊ धारण करते समय मन, वचन और कर्म की पवित्रता का संकल्प लेना चाहिए.
- धर्म के आधार पर ऐसी मान्यता है कि जनेऊ पहनने वाले व्यक्ति की स्मरण शक्ति तीव्र होती है.
- जनेऊ को सत, रज, तम का प्रतीक माना जाता है.
- जनेऊ को तीन सूत्र त्रिमूर्ति ब्रह्रमा, विष्णु, महेश के प्रतीक के तौर पर भी देखा जाता है.
- माना जाता है कि जो भी व्यक्ति जनेऊ धारण करता है उसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश अर्थात त्रिदेवों का अखंड आशीर्वाद मिलता है.
- जनेऊ को नकारात्मक और बुरी शक्तियों का विनाशक भी माना जाता है.
- जनेऊ व्यक्ति को बुरे कामों से दूर रख सत्कर्म करने के लिए प्रेरित करता है.