Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और माना जाता है कि भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से जीवन सुखमय और समृद्ध होता है. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने के शुभ मुहूर्त क्या हैं आप नोट कर लें. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इन मुहूर्तों में शिवलिंग पर जल अर्पित करने से विशेष पुण्य और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
प्रातःकालीन अमृत काल का समय सुबह 7:28 से 9:42 बजे तक है
सांध्यकालीन प्रदोष काल का समय शाम 6:17 से 6:42 बजे तक है
रात्रि पूजा के लिए चार प्रहर निर्धारित हैं
- प्रथम प्रहर शाम 6:19 से रात 9:26 बजे तक.
- द्वितीय प्रहर रात 9:26 से मध्यरात्रि 12:34 बजे तक.
- तृतीय प्रहर मध्यरात्रि 12:34 से सुबह 3:41 बजे तक.
- चतुर्थ प्रहर सुबह 3:41 से 6:48 बजे तक.
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का धार्मिक महत्व
शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शिव तत्व को प्रसन्न किया जाता है, जिससे जीवन में शांति और समृद्धि आती है. शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से जीवन के समस्त पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है. इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता बढ़ती है. महाशिवरात्रि पर जल चढ़ाने से विशेष रूप से धन, स्वास्थ्य और परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से चंद्र दोष और कालसर्प दोष का प्रभाव भी कम होता है.
शिवलिंग पर जल चढ़ाने की विधि
तांबे, चांदी या कांसे के पात्र में गंगाजल या स्वच्छ जल भरें. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें. जल के साथ बेलपत्र, अक्षत (चावल), और धतूरा भी अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)