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Sawan Jhula Mythological Story: शिव जी ने कैसे पार्वती के लिए सावन में बनाया झूला, जानें ये पौराणिक कथा

Sawan Jhula Mythological Story: सावन में तीज के खास दिन झूला झूलने की परंपरा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव ने माता पार्वती के लिए कैसे अपने हाथों से झूला बनाया था. ये कथा बेहद रोचक है.

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Inna Khosla
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Sawan Jhula Mythological Story
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Sawan Jhula Mythological Story: सावन का महीना आते ही माता पार्वती ने भगवान शिव से झूला बनाने की इच्छा जताई. शिव जी ने तपस्या में लीन होने के कारण माता की बातों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे माता पार्वती नाराज हो गईं. इसके बाद कैसे भगवान शिव ने माता पार्वती को प्रसन्न किया, उनके लिए अपने हाथों से कैसे झूला बनाया और उन्हें झुलाया ये पौराणिक कथा बेहद रोचक है. अगर आप हर साल सावन के महीने में झूला झूलते हैं और ये नहीं जानते की इसकी शुरुआत कैसे हुई तो आपको ये कहानी आपको बेहद रोचक लगेगी. 

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सावन का महीना आ चुका था. माता पार्वती भगवान शिव से पिछले कुछ दिनों से झूला झूलने के लिए कह रही थी. पर शिव जी अपनी तपस्या मिली थी इसलिए उस समय उन्होंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया. इससे माता पार्वती नाराज हो गई और उन्होंने शिव जी से बात करनी बंद कर दी, तभी नंदी भगवान शिव के पास आए. प्रभु माता आपकी कितने चिंता करती हैं हमेशा आपका ख्याल रखती हैं, आपकी हर इच्छा को पूरा करने की पूरी चेष्टा करती हैं, पर मैं कुछ दिनों से देख रहा हूं शायद माता की नाराजगी इसी कारण हैं कि आपने उनके लिए सावन का झूला नहीं बनाया. शिवजी को अपनी भूल जैसे ही समझ आयी उन्होंने अपने सभी गणों को बुलाया और उन्हें झूला बनाने के लिए सामग्री लाने के लिए निर्देश दिया.

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कुछ ही समय में कैलाश पर्वत के उपवन में एक बहुत ही सुंदर फूलों से सजा झूला बनकर तैयार हो गया. वो झूला जिसे भगवान शिव ने स्वयं अपने हाथों से बनाया. जैसे ही माता पार्वती उठकर आयी तो उपवन की ओर देखा और सोचा कि आज ये सारे शिवगढ़ वहां उपवन में क्या कर रहे हैं. महादेव तो इस समय तपस्या में लीन होने चले जाते हैं पर आज तो ये अपने शिवगणों के साथ मस्ती कर रहे हैं. उन्होंने जैसे ही उपवन में प्रवेश किया तो अपने सामने एक बहुत सुंदर फूलों और वृक्ष की लताओं से सजा हुआ झूला देखा. माँ पार्वती की खुशी का ठिकाना नहीं था. माता पार्वती झूले पर बैठी और भगवान शिव ने उन्हें झूला झुलाया.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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