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Shiv Puran ki Rochak Baatien( Photo Credit : social media)
Shiv Puran ki Rochak Baatien: शिव पुराण हिन्दू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक है, जो भगवान शिव के विभिन्न रूपों, लीलाओं, और महत्व को विस्तार से वर्णित करता है. इस पुराण में भगवान शिव के विविध अवतारों, महात्म्य, और उनके भक्तों की कथाएं सम्मिलित हैं. शिव पुराण के रचनाकार का नाम वेदव्यास है, जो इसे महर्षि पुलस्त्य के शिष्य रोमहर्षण से सुनक लिखा था. यह पुराण ज्ञान, भक्ति, और मोक्ष के मार्ग को प्रशिक्षित करता है. शिव पुराण में भगवान शिव के विभिन्न लीलाओं, शक्तियों, और गुणों का वर्णन है. यहां उनके विविध अवतारों, जैसे कि भैरव, रुद्र, नीलकंठ, अर्धनारीश्वर, आदि के विस्तृत कथानक दी गई है. शिव पुराण में शिव के महत्व, पूजा पद्धति, महाशिवरात्रि के महत्व, तांत्रिक साधना, व्रत, और श्राद्ध की प्रशंसा की गई है. इसमें भगवान शिव के भक्तों जैसे पार्वती, कार्तिकेय, गणेश, नंदी, भैरव, रावण, प्रेत और शिव शंकर जैसे विभिन्न चरित्रों की महिमा का वर्णन भी है. शिव पुराण ने शिव के भक्तों के लिए अनेक विधाओं में शिव की पूजा और उनके ध्यान की महत्वपूर्णता को बताया है और इसे पवित्र ग्रंथ के रूप में माना जाता है.
शिव पुराण 18 महापुराणों में से एक है. यह भगवान शिव के जीवन और शिक्षाओं के बारे में बताता है. यह पुराण 72,000 श्लोकों का एक विशाल संग्रह है, जो सृष्टि, पालन और संहार के रहस्यों को उजागर करता है.
इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और अवतारों का वर्णन है. शिव पुराण में भगवान शिव को 'अर्धनारीश्वर', 'नटराज', 'भैरव' और 'लिंग' जैसे विभिन्न रूपों में दर्शाया गया है.
इसमें भगवान शिव के कई मंदिरों का भी वर्णन है. शिव पुराण में भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों, काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिरों का उल्लेख मिलता है.
यह पुराण भगवान शिव की पूजा और व्रत के बारे में भी जानकारी देता है. शिवरात्रि, सोमवार व्रत, महाशिवरात्रि व्रत जैसे महत्वपूर्ण व्रतों का विधान भी इस पुराण में मिलता है.
शिव पुराण में भगवान शिव के भक्तों की कहानियां भी शामिल हैं. मार्कण्डेय ऋषि, रावण, नंदी और गणेश जैसे भक्तों की कथाएं भक्तों को प्रेरणा देती हैं.
यह पुराण जीवन जीने का सही मार्ग भी दिखाता है. शिव पुराण में सत्य, अहिंसा, क्षमा, दया, त्याग और सेवा जैसे मूल्यों पर बल दिया गया है.
शिव पुराण का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. यह पुराण मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग भी दिखाता है.
शिव पुराण का पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है. यह पुराण मन को शांत करता है और नकारात्मक विचारों को दूर करता है.
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने मृत्यु को पराजित किया था. जब मृत्यु देवता यमराज ने मार्कण्डेय ऋषि की आत्मा को लेने का प्रयास किया, तो भगवान शिव ने यमराज को पराजित कर मार्कण्डेय ऋषि को अमरता प्रदान की.
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव गंगा नदी को अपने बालों में धारण करते हैं. गंगा नदी को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाने के लिए भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा नदी को धारण किया था.
शिव पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो भगवान शिव के जीवन और शिक्षाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है. यह हिंदुओं द्वारा एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है और इसका पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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