Shiv Ji Aarti: महाशिवरात्रि पर पूजा के साथ जरूर करें ये आरती, शिव जी का मिलेगा महा आशीर्वाद!

Shiv Ji Aarti: हिंदू धर्म में कोई भी पूजा आरती के बिना अधूरा माना जाता है. ऐसे में महाशिवरात्रि पर आपको पूजा के साथ-साथ इस आरती को जरूर पढ़ना चाहिए. यहां पढ़ें शिव जी की पूरी आरती.

Shiv Ji Aarti: हिंदू धर्म में कोई भी पूजा आरती के बिना अधूरा माना जाता है. ऐसे में महाशिवरात्रि पर आपको पूजा के साथ-साथ इस आरती को जरूर पढ़ना चाहिए. यहां पढ़ें शिव जी की पूरी आरती.

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Sushma Pandey
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Shiv Ji Aarti

Shiv Ji Aarti( Photo Credit : NEWS NATION)

Shiv Ji Aarti: पूरे देश में आज यानि 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है. आज पूरे दिन शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की भक्ति में डूबे रहेंगे और शिव जी की आराधना करेंगे.  महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा की जाती है साथ ही भक्त व्रत भी रखते हैं. वहीं हिंदू धर्म में कोई भी पूजा आरती के बिना अधूरा माना जाता है. ऐसे में महाशिवरात्रि पर आपको पूजा के साथ-साथ इस आरती को जरूर पढ़ना चाहिए. यहां पढ़ें शिव जी की पूरी आरती.

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शिव जी के मंत्र (Shiv ji Mantra)

शिव जी की आरती के साथ ही आपको इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से शिव जी बेहद प्रसन्न होते हैं. वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार इस मंत्र के बिना शिव जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. मंत्र इस प्रकार है. 

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । 
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।।

शिव जी की आरती (Shiv ji Ki aarti)

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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