Sheetla Mata Ki Aarti: शीतला माता की आरती का महत्व और सही तरीका जानिए 

Sheetla Mata Ki Aarti: शीतला माता की आरती का महत्व अनेक प्रकार से है. यह माता शीतला के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने का एक तरीका है. आरती करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

Sheetla Mata Ki Aarti: शीतला माता की आरती का महत्व अनेक प्रकार से है. यह माता शीतला के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने का एक तरीका है. आरती करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

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Inna Khosla
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Sheetla Mata Ki Aarti

शीतला माता की आरती( Photo Credit : social media)

Sheetla Mata Ki Aarti: शीतला माता की आरती का महत्व हिंदू धर्म में बहुत उच्च है, जैसा कि मां शीतला को सर्वशक्तिमान देवी का स्वरूप माना जाता है और उनकी पूजा से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति, स्वास्थ्य, और सुरक्षा की प्राप्ति होती है. शीतला माता की आरती का अर्थ होता है माँ शीतला के गुणों की महिमा का गान. इसके माध्यम से उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है और उनकी कृपा की अनुरोध किया जाता है. आरती के दौरान धूप और दीप जलाए जाते हैं, जो देवी के सम्मुख प्रसन्नता और कृपा के प्रतीक होते हैं. आरती के पाठ के बाद, भक्त देवी की प्रदक्षिणा करते हैं, जो सम्मान और भक्ति का प्रतीक है. आरती के बाद, प्रसाद बांटते हैं, जिसे भक्त लेते हैं और उसका आनंद लेते हैं. शीतला माता की आरती का पाठ करने से भक्त उनके प्रति भक्ति और श्रद्धा का अभिवादन करते हैं और उनकी कृपा का अनुरोध करते हैं. यह उन्हें सुख, स्वास्थ्य, और सुरक्षा की प्राप्ति में सहायक होता है.

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जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥

रतन सिंहासन शोभित,
श्वेत छत्र भाता .
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,
जगमग छवि छाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

विष्णु सेवत ठाढ़े,
सेवें शिव धाता .
वेद पुराण वरणत,
पार नहीं पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

इन्द्र मृदङ्ग बजावत,
चन्द्र वीणा हाथा .
सूरज ताल बजावै,
नारद मुनि गाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

घण्टा शङ्ख शहनाई,
बाजै मन भाता .
करै भक्तजन आरती,
लखि लखि हर्षाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

ब्रह्म रूप वरदानी,
तुही तीन काल ज्ञाता .
भक्तन को सुख देती,
मातु पिता भ्राता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

जो जन ध्यान लगावे,
प्रेम शक्ति पाता .
सकल मनोरथ पावे,
भवनिधि तर जाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

रोगों से जो पीड़ित कोई,
शरण तेरी आता .
कोढ़ी पावे निर्मल काया,
अन्ध नेत्र पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

बांझ पुत्र को पावे,
दारिद्र कट जाता .
ताको भजै जो नाहीं,
सिर धुनि पछताता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

शीतल करती जननी,
तू ही है जग त्राता .
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन,
तू सब की घाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .

दास विचित्र कर जोड़े,
सुन मेरी माता .
भक्ति आपनी दीजै,
और न कुछ भाता ॥

जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता .
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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