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Shardiya Navratri 2023 Day 4: आज नवरात्रि के चौथे दिन यूं करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें मंत्र, आरती और भोग क्या है

Shardiya Navratri 2023 Day 4: नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना चौथे नवरात्रि के दिन होती है. आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि

Updated on: 18 Oct 2023, 09:52 AM

नई दिल्ली :

Shardiya Navratri 2023 Day 4 Maa Kushmanda Bhog And Aarti : आज नवरात्रि का चौथा दिन है. मां दुर्गा के चौथे स्वरूप के रूप में मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. अगर आपने माता के नौ दिन के नवरात्रि के व्रत रखे हैं तो चौथे दिन मां कूष्मांडी की विधि-विधान से पूजा अर्चना कैसे करनी हैं, मां कुष्मांडा देवी का मंत्र क्या है और आरती कैसे करें ये सब आपको बता रहे हैं. पूजा के बाद हमेशा माता को उनकी पसंद का भोग लगाने से मान्यता है कि आपकी मनोकामना जल्द पूरी होती है. तो मां कूष्मांडा को भोग में क्या चढ़ाएं आइए ये सब भी जानते हैं. 

शारदीय नवरात्रि की पूजा विधि

1) चौथे नवरात्रे के दिन पीले कपड़े पहनकर मां कूष्मांडा की पूजा करनी चाहिए. 

2) पूजा के समय देवी को पीला चंदन ही लगाएं, इसके बाद कुमकुम, मौली, अक्षत चढ़ाएं.

3) पान के पत्ते पर थोड़ा सा केसर लेकर ऊँ बृं बृहस्पते नम: मंत्र का जाप करते हुए देवी को अर्पित करें.

4) अब ॐ कुष्माण्डायै नम: मंत्र की एक माला जाप करें और दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें.

5) पूजा में देवी को पीले वस्त्र, पीली चूड़ियां और पीली मिठाई अर्पित करनी चाहिए.

6) देवी कुष्मांडा को पीला कमल अर्पित करने से अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है.

मां कुष्मांडा देवी का भोग 

देवी को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें मालपुए का भोग लगाएं. मान्यता है कि मां कूष्मांडा का प्रिय भोग लगाने वाले की बुद्धि, यश और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है.

मां कुष्मांडा देवी का मंत्र

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपाद्मभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।।

मां कुष्मांडा की आरती

चौथा जब नवरात्र हो, कुष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्माण्ड यह, पूजन है
आध्शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप।
इस शक्ति के तेज से कहीं छाव कही धुप॥
कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार।
पेठे से भी रीज्ती सात्विक करे विचार॥
क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार।
उसको रखती दूर मां, पीड़ा देती अपार॥
सूर्य चन्द्र की रौशनी यह जग में फैलाए।
शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां।
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां॥
जय मां कुष्मांडा मैया।
जय मां कुष्मांडा मैया॥

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)