/newsnation/media/post_attachments/images/2022/09/26/3-63.jpg)
मां चंद्रघंटा की कथा श्रवण से जाग जाएगा आपके भीतर का शौर्य प्रचंड( Photo Credit : News Nation)
Shardiya Navratri 2022 Day 3 Maa Chandraghanta Katha Aur Upay: आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन नवदुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है. पौराणिक कथाओं के अनुसार दैत्यों और असुरों के साथ युद्ध में देवी ने घंटों की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था. माता के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है, यही कारण है कि माता के इस स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है. माता का यह स्वरूप साहस और वीरता को दर्शाता है. यह मां पार्वती का विवाहित स्वरूप है. माता की दस भुजाएं हैं प्रत्येक भुजाओं में अलग अलग अस्त्र शस्त्र विराजमान हैं. माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की कथा सुनने से न सिर्फ व्यक्ति के भीतर तेजस्मयी शौर्य का संचार होता है बल्कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का स्मरण करते हुए इस एक उपाय को करने से हमेशा के लिए कर्ज से छुटकारा मिल जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं माँ चंद्रघंटा की कथा और उपाय के बारे में.
मां चंद्रघंटा की कथा (Maa Chandraghanta Katha)
प्राचीन काल में देवताओं और असुरों के बीच लंबे समय तक युद्ध चला. असुरों का स्वामी महिषासुर था और देवताओं के स्वामी भगवान इंद्र देव थे. महिषासुर ने देवतालोक पर विजय प्राप्त कर इंद्र का सिंहासन हासिल कर लिया और स्वर्ग लोक पर राज करने लगा. इसे देख सभी देवी देवता चिंतित हो उठे और त्रिदेवों के पास जा पहुंचे. देवताओं ने बताया कि महिषासुर ने इंद्र, सूर्य, चंद्र और वायु समेत अन्य देवताओं के सभी अधिकार छीन लिए हैं और देवतागण पृथ्वी लोक पर विचरण कर रहे हैं.
देवताओं की बात सुन ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हो उठे. क्रोध के कारण तीनों देवों के मुख से ऊर्जा उत्पन्न हुई और देवगणों के शरीर से निकली ऊर्जा भी उस ऊर्जा में जाकर मिल गई. दसों दिशाओं में व्याप्त होने के बाद इस ऊर्जा से मां भगवती का अवतरण हुआ. शंकर भगवान ने देवी को अपना त्रिशूल भेट किया.
भगवान विष्णु ने भी उनको चक्र प्रदान किया. इसी तरह से सभी देवता ने माता को अस्त्र-शस्त्र देकर सजा दिया. इंद्र ने भी अपना वज्र एवं ऐरावत हाथी माता को भेंट किया. सूर्य ने अपना तेज, तलवार और सवारी के लिए शेर प्रदान किया. युद्धभूमि में देवी चंद्रघंटा ने महिषासुर नामक दैत्य का वध किया.
कर्ज मुक्ति के उपाय (Karj Mukti Ke Upay)
- संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी ऋण से पीछा नहीं छुट रहा हो तो 108 गुलाब के पुष्प 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चं फट् स्वाहा' मंत्र बोलते हुए भगवती चंद्रघंटा के श्री चरणों में अर्पित करें.
- सवा किलो साबुत मसूर लाल कपड़ें में बांधकर अपने सामने रख दें. घी का दीपक जलाकर 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं चंद्रघण्टे हुं फट् स्वाहा' मंत्र का जाप 108 बार करें.
- मसूर को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर सफाई कर्मचारी को दान में दे दें. कर्जें से छुटकारा जल्द ही मिल जाएगा.