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Shaniwaar Mantra 2023 : इस दिन इन मंत्रों के जाप से शनिदेव होंगे प्रसन्न, सौभाग्य की होगी प्राप्ति

शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है.

Updated on: 16 Jun 2023, 12:25 PM

नई दिल्ली :

Shaniwaar Mantra 2023 : शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है. इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं, जिससे व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है. अगर आपकी कुंडली में शनि की महादशा है, तो शनिवार के दिन कुछ उपाय करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और उसके जीवन में आने वाले सभी कष्ट अपने आप दूर होने लग जाते हैं, तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में शनिदेव से जुड़े कुछ मंत्रों के बारे में बताएंगे, जिनका शनिवार के दिन जाप करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को साढ़ेसाती और ढैय्या से भी मुक्ति मिल जाती है. 

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शनिवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, महादशा से मिलेगी मुक्ति 

1. ॐ शं शनिश्चराय नम:
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप अवश्य करें. इससे शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है. शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और काले वस्त्र पहनें. उसके बाद षनि मंदिर जाकर तिल या सरसों के ताल का दान करें. इसके बाद इस मंत्र का जाप शुरु करें. इससे शनिदेव की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी. 

2.सुखी और सफल जीवन के लिए करें इस मंत्र का जाप
अगर आपके जीवन में परेशानियां बढ़ती जा रही हैं, तो इस मंत्र का 21 बार शनिवार के दिन जाप करें. 
 अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।

3. शनिदेव के वैदिक मंत्र का करें जाप
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

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4. साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए करें इस मंत्र का जाप
अगर आप शनि की महादशा से बचना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन स्नान के बाद सूर्योदय से पहले शनि मंदिर जाकर शनिदेव की पूजा करें और फिर इस मंत्र का जाप करें. 
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।