Shardiya Navratri 2024: आज है नवरात्रि का दूसरा दिन, क्या हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के नियम, जानें सुबह-शाम का शुभ मुहूर्त

Maa Brahmacharini Puja: हिंदू पंचांग के अनुसार आज नवरात्रि की दूसरी तिथि है. मान्यता है कि इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. सुबह और शाम के समय माता की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Maa Brahmacharini Puja

Maa Brahmacharini Puja

Second Day of Navratri: देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है. माता के स्वरूप की बात करें तो मां ब्रह्मचारिणी को शांत और एकाग्रचित स्वरूप में दर्शाया जाता है. वे ध्यान मग्न मुद्रा में बैठी हुई होती हैं और हल्के पीले वस्त्र पहने हुए उनकी मुर्ति विराजमान होती है. हाथ में कमल का फूल के साथ उन्हें एकदंत के रूप में भी दर्शाया जाता है.  मां ब्रह्मचारिणी तपस्या और ब्रह्मचर्य का प्रतीक हैं. ज्ञान और शांति की देवी हैं और विद्यार्थी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करके बुद्धि और एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं. नवरात्रि का दूसरा दिन बेहद खास होता है. अगर आप सही समय पर मां दुर्गा के इस रूप की पूजा करते हैं तो आपकी मनोकामना पूर्ण होने में समय नहीं लगता. 

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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का समय 

पूजा किस समय करनी चाहिए ये सब जानते हैं. लेकिन दिन में राहु काल के समय पूजा नहीं करनी चाहिए, अगर आप ये बात जानकर इसका नियम का पालन कर लें तो आपको पूजा का फल भी अवश्य मिलेगा. 

आज राहुकाल सुबह 10:41 ए एम से 12:09 पी एम तक का है. इस समय से पहले या बाद में पूजा करना शुभ होगा. 

  • अभिजित मुहूर्त- 11:46 ए एम से 12:33 पी एम 
  • अमृत काल11:24 ए एम से 01:13 पी एम
  • आज सूर्यास्त का समय 06 बजकर 03 मिनट है. आप शाम की पूजा इस समय के बाद कर सकते हैं. 

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के नियम 

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini ) की पूजा ज्ञान और शांति के लिए की जाती है. मान्यता है कि उनकी पूजा करने से बुद्धि और एकाग्रता बढ़ती है. पूजा करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा के लिए एक साफ-सुथरा स्थान चुनें. मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini ) की मूर्ति या चित्र को किसी साफ जगह पर स्थापित करें. घी का दीपक जलाएं. मां को अक्षत और कमल या गुलाब के फूल चढ़ाएं. अगरबत्ती या धूप जलाकर मां को पीले रंग का भोग लगाएं जैसे कि पीला चावल, पीला फल या मिठाई. मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र का जाप करके आप मां की आरती जरूर उतारें. 

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः
 
शास्त्रों के अनुसार आपको सुबह और शाम दोनो टाइम पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार का विवाद या झगड़ा न करें. सच्चे मन से पूजा करें ऐसा कहा जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Maa Brahmacharini ) करने से जीवन में शांति, ज्ञान और सफलता प्राप्त होती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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