आज से पवित्र सावन महीने की शुरुआत हो गई है। इसी के साथ देशभर के मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ जुटनी शुरु हो गई है।
इस महीने में ही कावंड यात्रा भी शुरू होती है जिसमें शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है।
सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में शिव भगवान की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सावन के पहले दिन वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भी भक्तों का तांता दिखा।
वहीं दूसरी तरफ सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण के बाद श्रद्धालु गंगा में डूबकी लगाते भी नजर आए।
सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को है। इस बार सावन का महीना बहुत खास है। वजह यह है कि पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना 30 दिनों का होगा, जिसमें 5 सोमवार आएंगे। जबकि पिछले साल सावन का महीना 29 दिनों का था, जिसमें 4 सोमवार आए थे।
सावन के पहले दिन गोरखपुर के झारखंडी शिव मंदिर में भगवान भोले की पूजा अर्चना करते भक्त।
भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन का महीन-
इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जीया। उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया।
पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तप किया जिससे खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। अपनी पत्नी से फिर मिलने के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना बेहद प्रिय है।
मान्यता हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में घूमे थे जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का विशेष महत्व है।
क्या है सावन का महत्व-
चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है। सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। सावन के महीना भगवान शिव को बेहत पसंद है।
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था।
सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव मनपंसद जीवनसाथी का आशीर्वाद देते हैं।
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Source : News Nation Bureau