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Parama Ekadashi 2023: शनिवार को आने वाली है परमा एकादशी, कंगाल भी ये व्रत रखकर बन सकता है धनवान

Parama Ekadashi 2023: 3 साल में एक बार परमा एकादशी का व्रत आता है. इस व्रत को किस तरह रखना चाहिए एकादशी के दिन क्या करें और क्या ना करें आइए जानते हैं.

Updated on: 09 Aug 2023, 09:34 AM

नई दिल्ली:

Parama Ekadashi 2023: अधिकमास के शुक्ल पक्ष में आने वाले एकादशी व्रत को परमा एकादशी व्रत रहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से दुर्लभ सिद्धियों की प्राप्ति होती है. ये व्रत धन के देवता कुबेर ने रखकर भगवान शिव को प्रसन्न किया था. राजा हरिश्चंद्र ने भी परमा एकादशी व्रत करके स्त्री, संतान और संपत्ति सुख प्राप्त किया था. ये एकादशी का व्रत 5 दिनों का होता है. किस तरह इसका व्रत रखा जाता है. परमा एकादशी के दिन क्या करें क्या ना करें ये सब हम आपको विस्तार से बता रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि कभी दरिद्रता का मुंह ना देखें, जीवन का हर सुख मिले, धन, संपत्ति का लाभ हो तो आपको भी परमा एकादशी व्रत का पालन करना चाहिए. आइए जानते हैं परमा एकादशी व्रत से जुड़ी जरुरी बातें. 

कब है परमा एकादशी 2023 

सावन के अधिकमास की दूसरी एकादशी 12 अगस्त शनिवार के दिन है. हिंदू पंचांग के अनुसार अधिक मास के शुक्ल पक्ष को जो एकादशी पड़ती है उसे परमा एकादशी कहते हैं. इस एकादशी का व्रत दुर्लभ सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है. 

परमा एकादशी पारणा मुहूर्त : 13, अगस्त को 05 बजकर 48 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक है

परमा एकादशी के दिन क्या करें 

- परमा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर और स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए.

- भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी के व्रत के दिन भगवान को पीले वस्त्र अर्पित करें, पीला आसन बिछाएं. हल्दी, पीला चंदन, अक्षत, पीले फूल, इत्र, धूप-दीप चढ़ाकर पूजा करें 

- भगवान विष्णु को पीले बेसन के लड्डूओं भोग लगाना चाहिए. 

- एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें. इसमें लक्ष्मी-नारायण का वास होता है और एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा करते हुए इसमें कच्चा सूत लपेटना चाहिए इससे परिवार में खुशहाली आती है और संतान सुख प्राप्त होता है.

- इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को अगले 5 दिनों तक इसका पालन करना होता है. पांचवे दिन विधिवत पारण करने से मनचाह फल प्राप्त होता है.

- परमा एकादशी से 5 दिनों तक स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान, गौ दान करने से पुण्य प्राप्त होते हैं. 

- निर्जला व्रत रखने वाले व्यक्तियों को विष्णु पुराण और गीता का पाठ करना चाहिए.

- इस दिन रात के समय भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए. 

- परमा एकादशी का व्रत रखने के बाद द्वादशी के दिन  भगवान की पूजा करें फिर ब्राह्मणों को भोजन करवा के और दान-दक्षिणा देने के बाद ही व्रत का पारण करें.

परमा एकादशी के दिन क्या ना करें 

- परमा एकादशी के दिन भूलकर भी काले कपड़े ना पहनें. ऐसा करने से दरिद्रता आती है और आर्थिक तंगी भी बढ़ जाती है. 

- एकादशी के दिन किसी के घर कुछ ना खाएं पिएं. अगर ऐसा करना पड़ जाए तो आप उसे कुछ पैसे दे दें. 

- दरवाजे पर आए किसी भी अतिथि को खाए बिना ना लौटाएं. 

- सुबह सूर्योदय से पहले उठें और दोपहर के समय सोने की गलती ना करें. 

- ब्रह्मचर्य का पालन करें काम, क्रोध या ईर्ष्या की भावना का त्याग करें. 

परमा एकादशी का व्रत 3 साल में एक बार आता है. जिस वजह से इस व्रत का पालन करने वाले लोग इसका लंबा इंतज़ार करते हैं और इस दिन बिना किसी भूल के पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ ये व्रत रखते हैं. तो आप भी सावन के अधिकमास के शुक्ल पक्ष में आने वाली परमा एकादशी का व्रत रखें, पूजा अर्चना करें और सब सुख प्राप्त करें. ये सारी जानकारी शास्त्रों पर आधारित है. न्यूज़ नेशन इसकी पुष्टि नहीं करता.