logo-image

Sawan 2022 Jhule Ka Mahatva Aur Parampara: सावन में झूला झूलने से जुड़ी है आपकी खुशहाली, श्री कृष्ण और राधा रानी का मिलता है विशेष आशीर्वाद

Sawan 2022 Jhule Ka Mahatva Aur Parampara: सावन के महीने में श्रृंगार का भी बहुत महत्व होता है. श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है, जिसमें सबसे खास बात है हाथों को मेहंदी से सजाना. इसी तरह सावन महीने में झूलों का भी विशेष महत्व होता है.

Updated on: 04 Aug 2022, 12:25 PM

नई दिल्ली :

Sawan 2022 Jhule Ka Mahatva Aur Parampara: सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है. उनके लिए व्रत रखा जाता है. कुंवारी से लेकर विवाहित महिलाएं सावन सोमवार का व्रत रखती हैं. जहां विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर मांगती हैं. सावन के महीने में श्रृंगार का भी बहुत महत्व होता है. श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है, जिसमें सबसे खास बात है हाथों को मेहंदी से सजाना. इसी तरह सावन महीने में झूलों का भी विशेष महत्व होता है. ऐसे में आइए जानते हैं सावन में मेहंदी व झूले का विशेष महत्व. 

यह भी पढ़ें: Tulsidas Jayanti 2022 Wife Conspiracy: जब पत्नी की दुत्कार ने तुलसीदास जी को पहुंचाया श्री राम की शरण

मेहंदी लगाना है शुभ
हिंदू धर्म में सावन माह में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. सावन महीन में मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस समय विवाहित महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं. मान्यता है कि मेहंदी लगाने से दंपत्ति के बीच रिश्ता मजबूत होता है और प्रेम बढ़ता है.

कहा जाता है कि मेहंदी जितनी गहरी होती है, उतना ही पति से अधिक प्रेम मिलता है. इसके अलावा मेहंदी स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है. मेहंदी लगाने से गर्मी दूर होती है और शरीर को ठंडक मिलती है. मेहंदी से तनाव भी दूर होता है.

सावन में झूले की परंपरा और महत्व
सावन महीने में चहुंओर हरियाली छाई रहती है, झूले झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं. सावन में झूला झूलने का विशेष महत्व है. कहा जाता है झूला झूलने से उमंग और जोश भर जाता है. सावन में सदियों से ही झूला झूलने की परंपरा चलती आ रही है.

कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने राधा को भी झूला झूलाया था. इसी के बाद से झूला झूलने की परंपरा शुरू हुई. ऐसे में सावन महीने में झूला झूलना शुभ माना जाता है.