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Sawan 2022 Baleshwar Temple Shocking Story: जब जमीन के नीचे से पुकार रहे थे भगवान शिव, अपनी मौजूदगी का इस तरह से कराया था लोगों को एहसास

Sawan 2022 Baleshwar Temple Shocking Story: रायबरेली जनपद के लालगंज क्षेत्र में प्रसिद्ध बालेश्वर मंदिर है. ये मंदिर करीब 600 साल पुराना माना जाता है. कहा जाता है कि कभी इस स्थान पर जंगल ही जंगल हुआ करता था.

Updated on: 22 Jul 2022, 02:51 PM

नई दिल्ली :

Sawan 2022 Baleshwar Temple Shocking Story: रायबरेली जनपद के लालगंज क्षेत्र में प्रसिद्ध बालेश्वर मंदिर है. ये मंदिर करीब 600 साल पुराना माना जाता है. कहा जाता है कि कभी इस स्थान पर जंगल ही जंगल हुआ करता था. उस समय गांव के लोग अपने जानवरों को इस स्थान पर चराने के लिए लाया करते थे. इसी बीच एक बार मालिक की गाय ने दूध देना बंद कर दिया. जिसकी खोजबीन के लिए वो जंगल आया और उसने ऐसा चमत्कार देखा कि वो हैरान हो गया. कहा जाता है कि उस गाय के मालिक को ही भगवान शिव ने स्वप्न में शिवलिंग की मौजूदगी का अहसास कराया था, जिसके बाद यहां मंदिर का निर्माण हुआ. यहां जानिए इस अनोखे मंदिर की हैरान कर देने वाली पूरी कहानी.

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चरवाहे पर शक करके गाय मालिक पहुंचा था जंगल
कहते हैं कि बाल्हेमऊ गांव के एक तिवारी परिवार की गाय एक चरवाहे के साथ जंगल में चरने जाया करती थी. अचानक गाय ने दूध देना बंद कर दिया तो गाय के मालिक को शक हुआ कि शायद चरवाहा चोरी से गाय दूध निकाल लेता है. तभी गाय आजकल दूध नहीं देती. चरवाहे की चोरी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक दिन गाय के मालिक ने जंगल में आया और वहां की झाड़ियों में छुप कर बैठ गया.

देखा ऐसा चमत्कार कि आंखों देखे पर भी यकीन न हुआ
गाय मालिक ने झाड़ियों के पीछे से देखा कि उसकी गाय एक झाड़ी में चली गई है और उसके थन से दूध की धार बनकर बह रही है. दूध की धार उसी स्थान पर भूमि में बने एक छेद में जा रही है. इस कारनामे को देखने के बाद गाय मालिक को खुद की आंखों देखी सच्चाई पर भी यकीन नहीं हुआ.

शिव जी ने स्वप्न में कराया मौजूदगी का अहसास
उस रात गाय मालिक को बहुत बेचैनी हुई. किसी तरह वो सो गया, तभी स्वप्न में उसे शिवजी के दर्शन हुए. शिव जी ने उससे स्वप्न में कहा कि मैं उसी स्थान पर विराजमान हूं, जहां तुमने गाय को देखा था. मूर्ति के पूजन के लिए एक मंदिर की स्थापना करवाओ. दूसरे दिन सुबह ही जब वो गाय मालिक उठा तो उसने परिवार को स्वप्न की बात बताई. इसके बाद उस स्थान पर खुदाई करवाई गई. खुदाई के दौरान उसे शिवलिंग प्राप्त हुआ. उसके बाद वहां बालेश्वर महादेव का मंदिर बनवाया गया.

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घूमता है मंदिर के गुंबद का त्रिशूल
कहा जाता है कि बालेश्वर मंदिर के ऊपर गुम्मद पर लगा त्रिशूल दिनभर सूर्य की गति के साथ साथ अपने स्थान पर घूमता है. दूर दूर तक इस मंदिर की बहुत मान्यता है. लोग यहां आकर महादेव के दर्शन करते हैं और उनसे मन की मुराद पूरी करने की कामना करते है.

नववर्ष पर निकाली जाती है विशाल यात्रा
क्षेत्र के लोग जनवरी में नए साल की शुरुआत बाबा बालेश्वर महाराज के दर्शन के बाद ही करते हैं. 1 जनवरी को यहां विशाल यात्रा निकाली जाती है. इसके लिए सबसे पहले लोग लालगंज के भैरों मंदिर पहुंचते है और फिर वहां से यात्रा की शुरुआत करते हैं. यात्रा मे जा रहे लोगों के लिए जगह जगह भंडारे का आयोजन भी किया जाता है. वहीं मंदिर परिसर मे भी भंडारे का आयोजन किया जाता है.

सावन और महाशिवरात्रि पर लगता है विशाल मेला
सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर परिसर में विशाल मेला लगता है, जिसमें क्षेत्र के अलावा दूर-दूर से लोग आते हैं और महादेव की पूजा अर्चना करते हैं. इस बीच यहां भारी भीड़ जुटती है और सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए जाते हैं.