Prophet Muhammad Prophecies: मक्का और मदीना इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल हैं. इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ ने लाखों मुसलमानों के दिलों में डर और चिंता पैदा कर दिया है. सऊदी अरब में हाल ही में आई भारी बारिश और बाढ़ ने एक बार फिर से पैगंबर मोहम्मद की कयामत की भविष्यवाणी को लेकर चर्चा को हवा दी है. मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट घोषित किया गया है जो इस्लामिक दुनिया के लिए बेहद चिंता का विषय बन गया है. इस्लामिक परंपराओं के अनुसार पैगंबर मोहम्मद ने कयामत से पहले होने वाली घटनाओं के बारे में कई संकेत दिए थे. भारी बारिश, बाढ़, और पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाओं का आना उन्हीं संकेतों में से एक हैं.
पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणियां
सऊदी अरब के मौसम विभाग ने मक्का और मदीना समेत पूरे देश में भारी बारिश और बाढ़ की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी कर दिया है. सड़कों पर पानी भरा है, कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया है और यहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. जो लोग पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणियों पर विश्वास करते हैं वो इस प्राकृतिक आपदा को कयामत का संकेत मान रहे हैं. इस्लामिक धर्म के अनुयायी मानते हैं कि कयामत से पहले कई प्रकृतिक आपदाएं और बदलाव होंगे, जिनमें से बर्फबारी, भूकंप, समुद्र का उफान और बड़े पैमाने पर बाढ़ जैसी घटनाएं होंगी.
इस्लामिक हदीसों में पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणियां हैं जिन्हें "अलामात-ए-क़यामत" (कयामत के संकेत) कहा जाता है. पैगंबर मोहम्मद ने भविष्यवाणी की थी कि कयामत से पहले एक बड़ा युद्ध होगा, जो इस्लामिक साम्राज्य और अन्य देशों के बीच होगा. इस युद्ध में बड़े पैमाने पर विनाश होगा और फिर दुनिया में शांति स्थापित होगी. इस युद्ध को "दज्जाल का युद्ध" (Antichrist war) कहा जाता है.
पैगंबर ने कयामत के दिन से पहले दज्जाल (अर्थात झूठा मसीहा या Antichrist) के आने की भविष्यवाणी की थी. दज्जाल दुनिया में फैलकर लोगों को भ्रमित करेगा और उन्हें धर्म से दूर करेगा. वह एक महान शक्ति के साथ आएगा और बहुत से लोग उसके झांसे में आ जाएंगे. इसमें आगे लिखा है अंत में वह मारा जाएगा और सत्य की स्थापना होगी. पैगंबर मोहम्मद ने भविष्यवाणी की थी कि कयामत से पहले एक विशेष प्रकार का खलीफा या नेता, जो झूठे दावे करेगा, उभरेंगे. ये नेता समाज में बुराई फैलाएंगे, अन्याय करेंगे और लोगों को धर्म से दूर करेंगे.
पैगंबर ने कयामत से पहले बड़े प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र किया था, जिनमें भूकंप, बर्फबारी, सुनामी, और अन्य प्राकृतिक आपदाएं शामिल होंगी. इन आपदाओं को कयामत के संकेत माना गया है, जो दुनिया की तबाही की ओर इशारा करते हैं. मक्का और मदीना के बारे में उन्होने भविष्यवाणी की थी कि कयामत के करीब, इन पवित्र शहरों में धार्मिक भ्रष्टाचार और अन्य बुराईयों का प्रवेश होगा, और फिर इन शहरों की पवित्रता फिर से बहाल होगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)