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Saubhagya Sundari Vrat 2022( Photo Credit : Social Media)
Saubhagya Sundari Vrat 2022 : हमारे धार्मिक हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाने वाला सौभाग्य सुंदरी व्रत 10 नवंबर को है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है. यह व्रत खासकर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौंदर्य के लिए रखती हैं. तो आइए हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्त्व क्या है, पूजा मुहूर्त क्या है, व्रत रखने का महत्त्व क्या है?
सौभाग्य सुंदरी व्रत क्या है?
सौभाग्य सुंदरी व्रत खासकर सुहागन स्त्रियां अपने पति के लिए रखती हैं. यह व्रत विशेष रूप से सुख-सौभाग्य प्राप्ति और संतान सुख के लिए रखा जाता है. यह व्रत उन स्त्रियों के लिए भी लाभकारी हैं, जिनके विवाह में देरी होती है या किसी के ऊपर कोई मांगलिक दोष होता है.
माता सती ने इस दिन व्रत से महादेव को पाया
वहीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता सती ने कठोर व्रत रखकर भगवान शिव को पाने के लिए संकल्प लिया था, जिसके बाद कठिन साधना के बाद भगवान शिव को माता सती ने पति के रूप में प्राप्त किया और ठीक वैसे अगले जन्म में माता पार्वती का जन्म हुआ और ठीक वैसे ही माता पार्वती ने भी वही व्रत किया और भगवान शिव को पति के रूप में दोबारा प्राप्त किया. इस प्रकार भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ.
पूजा मुहूर्त क्या है?
सौभाग्य सुंदरी व्रत का उन्नति लाभ सुबह 8 बजकर 1 मिनट से लेकर 9 बजकर 23 मिनट तक है, वहीं इसका अमृत मुहूर्त 9 बजकर 23 मिनट से लेकर 10 बजकर 44 मिनट तक है, वहीं इसका शुभ उत्तम मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से लेकर 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.
पूजा सामग्री क्या है?
इस पूजन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है और पूजन विधि में क्या सामग्री होनी चाहिए, तो ध्यान से आप इसे नोट कर लें, फूल, फल, भोग के लिए मिठाई, इलाइची, सुपारी , चूड़ियां, बिंदी,आलता, मेंहदी आदि के साथ-साथ 7 प्रकार के पकवान को बनाकर भोग लगाएं.
इस मंत्र का करें जाप, होगा लाभ
-ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः, ऊँ पार्वत्यै नमः, ॐ साम्ब शिवाय नमः , ॐ गौर्ये नमः, देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्, पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व कामांश्च देहि मे, रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि.
- भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें इस मंत्र का जाप- ॐ हराय नम:, ॐ महेश्वराय नम:, ॐ शूलपाणये नम:, ॐ पिनाकवृषे नम:, ॐ शिवाय नम:, ॐ पशुपतये नम:
इस व्रत का महत्त्व क्या है?
सौभाग्य सुंदरी व्रत रखने का भी खास महत्व है. हिंदू धार्मिक शास्त्रो में व्रत, पूजा-अर्चना का विशेष विधि-विधान है, इस व्रत को रखने से आपको धन-धान्य, अखंड सौभाग्यवति का आशीर्वाद मिलता है.
HIGHLIGHTS
- सौभाग्य सुंदरी व्रत क्या है?
- माता सती ने इस दिन व्रत से महादेव को पाया
- पूजा मुहूर्त क्या है?
- पूजा सामग्री क्या है?
- इस मंत्र का करें जाप, होगा लाभ
- इस व्रत का महत्त्व क्या है?
Source : News Nation Bureau