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Sankashti Chaturthi Vrat Katha: इस बार संकष्टी चतुर्थी पर पढ़ें ये कथा, खुल जाएंगे किस्मत के द्वार और...

Sankashti Chaturthi Vrat Katha: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत का खास महत्व होता है. इस दिन श्री गणेश की उपासना पूजा की जाती है. आपको संकष्टी चतुर्थी व्रत पर ये कथा जरूर पढ़नी चाहिए. 

Updated on: 26 Feb 2024, 11:18 PM

नई दिल्ली :

Sankashti Chaturthi Vrat Katha: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन का महीना शुरू हो चुका है. इसमें कई व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे. इन्हीं में से एक संकष्टी चतुर्थी व्रत है. पंचांग के अनुसार इस बार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 फरवरी को मनाई जाएगी. संकष्टी चतुर्थी का व्रत स्त्रियों के लिए सुख-समृद्धि का द्वार खोलता है. इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है. यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है. यदि आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, तो आपको यह व्रत जरूर रखना चाहिए. 

वहीं इस व्रत को करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसके अलावा भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं.  इस व्रत को करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं. यह व्रत नकारात्मकता का नाश करता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार करता है. ऐसे में इस दिन अगर आप गणेश जी की पूजा के साथ-साथ ये कथा पढ़ेंगे तो इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होगा. आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी की पूरी व्रत कथा. 

संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा (Sankashti Chaturthi Vrat Katha)

एक बार माता पार्वती ने भगवान गणेश से पूछा, "हे पुत्र, तुम इतने मेधावी और ज्ञानी हो, क्या तुम मुझे कोई ऐसा व्रत बता सकते हो, जिसके करने से स्त्रियों को सुख-समृद्धि और संतान की प्राप्ति हो सके?" भगवान गणेश ने कहा, "माँ, संकष्टी चतुर्थी का व्रत स्त्रियों के लिए अत्यंत फलदायी है. इस व्रत को करने से स्त्रियों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

एक अन्य कथा के अनुसार एक बार एक गरीब स्त्री थी जिसके पास कोई संतान नहीं थी.  उसने संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने का निर्णय लिया. उसने पूरे विधि-विधान से व्रत रखा और गणेश जी की पूजा की. चंद्रोदय के बाद उसने चंद्रमा को अर्घ्य दिया और व्रत का पारण किया. कुछ समय बाद उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई. 

संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व

संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यंत फलदायी है. इस व्रत को करने से स्त्रियों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यदि आप भी सुख-समृद्धि और संतान की प्राप्ति चाहते हैं, तो आपको संकष्टी चतुर्थी का व्रत अवश्य रखना चाहिए. इससे स्त्रियों को सुख-समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही भगवान गणेश की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)