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सावन की पहली संकष्टी चतुर्थी आज, जानें पूजा विधान और शुभ मुहुर्त( Photo Credit : File Photo)
संकष्टी चतुर्थी 2020 (Sankashti Chaturthi) : आज 8 जुलाई को इस साल सावन माह की पहली संकष्टी चतुर्थी है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश (God Ganeshaa) भगवान को समर्पित होता है. गणेश भगवान रिद्धि-सिद्धि के देवता माने जाते हैं. महिलाएं संतान के सेहतमंद जीवन और लंबी आयु की कामना के साथ यह व्रत करती हैं. इस बार संकष्टी चतुर्थी बुधवार को पड़ रहा है, जो गणेश भगवान का ही दिन है. इस वजह से इस संकष्टी चतुर्थी पर पूजा का विशेष फल मिलेगा.
संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय
8 जुलाई को प्रात: 09:18 बजे संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरुआत होगी, जबकि इसका समापन 9 जुलाई को प्रात: 10:11 बजे होगा. संकष्टी के दिन चंद्रमा का उदय रात्रि 10 बजे होगा.
पूजा अर्चना
आज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूजाघर की सफाई करें, आसन पर बैठकर व्रत का संकल्प लें और पूजा शुरू करें. भगवान गणेश जी की प्रिय चीजें पूजा में अर्पित करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं. यह व्रत सूर्योदय के साथ शुरू होता है और चन्द्रमा के उदय होने तक रखा जाता है.
पूजा अर्चना के बाद गणेश जी की आरती करना न भूलें:
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।।
Source : News Nation Bureau