Saint Ravidas Jayanti: वाराणसी में संत रविदास जयंती की धूम, देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु

Saint Ravidas Jayanti: संत रविदास भक्तिकाल के प्रमुख संतों में से एक थे और उनकी शिक्षाओं ने समाज में समानता और भक्ति भावना का प्रचार किया. संत रविदास ने जातिवाद, भेदभाव और आडंबर का विरोध किया.

Saint Ravidas Jayanti: संत रविदास भक्तिकाल के प्रमुख संतों में से एक थे और उनकी शिक्षाओं ने समाज में समानता और भक्ति भावना का प्रचार किया. संत रविदास ने जातिवाद, भेदभाव और आडंबर का विरोध किया.

author-image
Inna Khosla
New Update
Saint Ravidas Jayanti 2025

Saint Ravidas Jayanti 2025 Photograph: (News Nation)

Saint Ravidas Jayanti: वाराणसी में संत रविदास जयंती के अवसर पर भव्य आयोजन हो रहा है. संत रविदास की जन्मस्थली पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं. भक्तगण संत रविदास जी के उपदेशों को आत्मसात करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प ले रहे हैं. रविदास जयंती महान संत, कवि और समाज सुधारक गुरु रविदास की जयंती के रूप में मनाई जाती है. यह दिन माघ पूर्णिमा के अवसर पर आता है और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है.

Advertisment

काशी में भव्य आयोजन

संत रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धन में इस पावन अवसर पर भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. श्रद्धालु यहां विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और लंगर सेवा में भाग ले रहे हैं. पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से संगतें वाराणसी पहुंची हैं.

विदेशों से भी पहुंचे श्रद्धालु

भारत ही नहीं, इंग्लैंड, कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों से भी हजारों भक्त संत रविदास जी के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे हैं. संत रविदास के अनुयायी उनकी शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का संकल्प ले रहे हैं.

बीएचयू छात्रों की विशेष भागीदारी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्र भी संत रविदास जयंती को उत्साहपूर्वक मना रहे हैं. वे उनके उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रतिज्ञा ले रहे हैं. संत रविदास की शिक्षाएं प्रेम, भक्ति, समानता और सद्भाव का संदेश देती हैं. 

इस दिन भक्त रविदास मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी शिक्षाओं का स्मरण करते हैं. पंजाब के दोआबा क्षेत्र और वाराणसी में विशाल शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. कई स्थानों पर अमृतबानी गुरु रविदास का पाठ और भजन-कीर्तन होते हैं. लंगर का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी को प्रेमपूर्वक भोजन कराया जाता है.

संत रविदास के प्रमुख उपदेश

  • मन चंगा तो कठौती में गंगा - यानी मन पवित्र हो तो हर स्थान तीर्थ समान है.
  • जात-पात के फेर में, उरझि रहा संसार - यानी इंसान को जाति-धर्म से ऊपर उठकर प्रेम और भक्ति करनी चाहिए.
  • हरि बिन कारण कौन कृपालु - यानी परमात्मा के बिना कोई भी वास्तविक कृपालु नहीं हो सकता.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) 

Religion News in Hindi ravidas-jayanti रिलिजन न्यूज Saint Ravidas Jayanti 2025
      
Advertisment