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Mokshada Ekadashi 2023: साल 2023 की आखिरी एकादशी कब? जानें इस दिन कैसे और किस मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की पूजा

Mokshada Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का बड़ा ही महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. आइए जानते हैं साल 2023 की आखिरी एकादशी कब है. साथ ही जानें शुभ मुहूर्त

Updated on: 06 Dec 2023, 08:48 AM

नई दिल्ली:

Mokshada Ekadashi 2023: साल 2023 अपने आखिरी पड़ाव की ओर है. इस साल कई व्रत-त्योहार पड़े और इनमें से कुछ बचे भी हैं, जिनमें से एक एकादशी का व्रत है. हिंदू पंचांग के अनुसार पूरे साल में कुल 24 एकादशी आती है और हर महीने में 2 एकादशी पड़ती है. इन सभी एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी जातक एकादशी का व्रत करता उसके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है. इसके साथ ही विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान विष्णु जमकर अपनी कृपा बरसाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल 2023 की आखिरी एकादशी कब है? आइए जानते हैं इस साल की आखिरी एकादशी कब है. साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त. 

कब है साल 2023 की आखिरी एकादशी? 

अभी मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है जिसकी समाप्ति 26 दिसंबर 2023 को होगा. इसके बाद पौष माह की शुरुआत हो जाएगी. आपको बता दें कि साल 2023 की आखिरी एकादशी 22 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को पड़ेगा. साल की आखिरी एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं.पंचांग के अनुसार  मोक्षदा एकादशी का व्रत 22 दिसंबर 2023 को किया जाएगा और 23 दिसंबर 2023 को इस व्रत का पारण किया जाएगा. 

मोक्षदा एकादशी शुभ मुहूर्त 

एकादशी तिथि प्रारंभ 22 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 16 मिनट से. एकादशी तिथि समाप्त 23 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर. वहीं मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण  23 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को किया जाएगा. इस दिन पारण के लिए शुभ मुहूर्त है दोपहर 1 बजकर 22 मिनट से लेकर 3 बजकर 26 मिनट तक. 

मोक्षदा एकादशी महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं. यह भी मान्यता है कि इस दिन अगर कोई नए काम की शुरुआत करेंगे तो उन्हें इसमें सफलता जरूर मिलती है. वहीं शास्त्रों की मानें तो एकादशी दिन व्रत करने से और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जातक के जीवन से सारे दुख और दोष खत्म हो जाते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)