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करोड़ों भक्तों की आस्था का केन्द्र है उज्जयिनी महाकाली मंदिर , आज पीएम मोदी ने की पूजा अर्चना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 घंटे के अंदर एक बार फिर तेलंगाना पहुंचे. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सबसे पहले सिकंदराबाद के श्री उज्जयिनी महाकाली मंदिर में पूजा-अर्चना की. आपको बता दें कि सिकंदराबाद, भारत में उज्जैनी महाकाली मंदिर देवी काली को समर्पित

Updated on: 05 Mar 2024, 12:17 PM

नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 घंटे के अंदर एक बार फिर तेलंगाना पहुंचे. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सबसे पहले सिकंदराबाद के श्री उज्जयिनी महाकाली मंदिर में पूजा-अर्चना की.  आपको बता दें कि सिकंदराबाद, भारत में उज्जैनी महाकाली मंदिर देवी काली को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र है.  यह मंदिर 18वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे सिकंदराबाद के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर देवी काली की एक बड़ी मूर्ति है, जिसे एक भयंकर मुद्रा में चित्रित किया गया है। मूर्ति को सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की एक छोटी मूर्ति भी है। उज्जैनी महाकाली मंदिर पूरे वर्ष भक्तों के लिए खुला रहता है। मंदिर में हर दिन कई आरती और पूजा की जाती हैं। नवरात्रि और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान मंदिर में विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं। उज्जैनी महाकाली मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। मंदिर की भव्य वास्तुकला और देवी काली की शक्तिशाली मूर्ति दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करती है। उज्जैनी महाकाली मंदिर सिकंदराबाद में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह एक ऐसा स्थान है जहां भक्त देवी काली का आशीर्वाद लेने और उनकी शक्ति का अनुभव करने आ सकते हैं. 

उज्जैनी महाकाली मंदिर की विशेषताएं
1. मंदिर का इतिहास: 18वीं शताब्दी में पेशवा बाजीराव द्वितीय द्वारा निर्मित। मंदिर का निर्माण उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर किया गया था। मंदिर का जीर्णोद्धार 19वीं शताब्दी में सिंधिया राजवंश द्वारा किया गया था।

2. मंदिर की वास्तुकला: दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित। मंदिर में तीन मंजिलें हैं और यह काले पत्थर से बना है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश की मूर्ति है। मंदिर के गर्भगृह में देवी काली की मूर्ति है, जो एक भयंकर मुद्रा में चित्रित है। मूर्ति को सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया गया है।

3. देवी काली की मूर्ति: 3 फीट ऊँची मूर्ति। देवी काली को सिंह पर बैठा हुआ दिखाया गया है। देवी के दस हाथ हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के शस्त्र और वस्तुएं हैं। देवी का चेहरा क्रोध और शक्ति से भरा हुआ है।

4. मंदिर की धार्मिक महत्व: देवी काली को शक्ति और विनाश की देवी माना जाता है। भक्त देवी काली से आशीर्वाद लेने और उनकी शक्ति का अनुभव करने के लिए मंदिर आते हैं। मंदिर में हर दिन कई आरती और पूजा की जाती हैं। नवरात्रि और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान मंदिर में विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं।

5. मंदिर का सांस्कृतिक महत्व: मंदिर सिकंदराबाद के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। मंदिर शहर की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।

नवरात्रि के दौरान, मंदिर में नौ दिनों तक विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इस दौरान, मंदिर को फूलों और दीयों से सजाया जाता है। भक्त देवी काली की पूजा करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर आते हैं। दीपावली के दौरान, मंदिर में दीपों का त्योहार मनाया जाता है। इस दौरान, मंदिर को दीयों से जगमगाया जाता है। भक्त देवी काली को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद देते हैं। उज्जैनी महाकाली मंदिर सिकंदराबाद में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह एक ऐसा स्थान है जहां भक्त देवी काली का आशीर्वाद लेने और उनकी शक्ति का अनुभव करने आ सकते हैं।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)