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Durga Saptashati Path: आखिरी नवरात्रि में ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, पूरी होंगी आपकी सभी मनोकामनाएं

Durga Saptashati Path: दुर्गा सप्तशती, जिसे देवी महात्म्य भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध ग्रंथ है जो देवी दुर्गा की महिमा और उनके पराक्रम का वर्णन करता है. यह मार्कण्डेय पुराण का हिस्सा है और इसमें 700 श्लोक हैं.

Updated on: 13 Apr 2024, 04:44 PM

नई दिल्ली :

Durga Saptashati Path: दुर्गा सप्तशती, देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करने वाला एक प्रसिद्ध हिंदू ग्रंथ है. देवी चंडी (दुर्गा का एक रूप) को समर्पित है और इसे मार्कण्डेय ऋषि द्वारा रचित माना जाता है. दुर्गा सप्तशती 700 श्लोकों का संग्रह है जो तीन अध्यायों में विभाजित है. दुर्गा सप्तशती हिंदू धर्म में मां दुर्गा की महिमा, शक्ति और प्राचीन कथाओं का संग्रह है. इसमें 700 श्लोक हैं जो मां दुर्गा की महिमा को वर्णित करते हैं. सप्तशती शब्द का अर्थ है "सत्त्रह की" या "सत्त्रह कांतियों की". इस कथा में मां दुर्गा के लड़ाई, विजय, और महिमा का वर्णन किया गया है. यह कथा मां दुर्गा के भक्तों द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ी जाती है और उन्हें आशीर्वाद और शक्ति प्रदान करने का कहा जाता है.

प्रथम अध्याय: यह देवी दुर्गा के महिमा और शक्ति का वर्णन करता है.

द्वितीय अध्याय: इसमें देवी चंडी और महिषासुर के बीच युद्ध का वर्णन है.

तृतीय अध्याय: यह देवी चंडी की विजय और महिषासुर के वध का वर्णन करता है.

दुर्गा सप्तशती पाठ करने के लाभ

मानसिक शांति और समृद्धि: दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं.

भय और चिंता से मुक्ति: देवी दुर्गा को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है. उनका पाठ करने से भय और चिंता दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है.

समस्याओं का समाधान: दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

इच्छाओं की पूर्ति: दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं और उन्हें मनचाहा फल प्राप्त होता है.

दुर्गा सप्तशती पाठ कैसे करें: 

दुर्गा सप्तशती का पाठ किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान इसका पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. पाठ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें. एक स्वच्छ और शांत पूजा स्थान स्थापित करें. देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और उनका पूजन करें. दुर्गा सप्तशती की पुस्तक लें और ध्यानपूर्वक पाठ करें. अगर संभव हो तो, देवी दुर्गा की प्रतिमा पर दूध, घी, शहद, या जल से अभिषेक करें. पाठ के बाद देवी दुर्गा की आरती उतारें. नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं. 

पाठ करते समय मन को शांत रखें और देवी दुर्गा पर ध्यान केंद्रित करें. भक्ति और श्रद्धा के साथ पाठ करें. नियमित रूप से पाठ करने का प्रयास करें. दृढ़ विश्वास रखें कि देवी दुर्गा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगी. अगर आप स्वयं पाठ नहीं कर सकते हैं, तो आप दुर्गा सप्तशती का ऑडियो या वीडियो सुन सकते हैं. यह सुनिश्चित करें कि आप किसी विश्वसनीय स्रोत से ऑडियो या वीडियो डाउनलोड करें. दुर्गा सप्तशती पाठ के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप किसी पुजारी या धार्मिक विद्वान से संपर्क कर सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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