Rath Saptami 2020: बसंत पंचमी के बाद क्यों मनाई जाती है रथ सप्तमी, क्या है इसका महत्व, जानें

सूर्योदय के समय स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाए तो लोगों को यश और सौभाग्य मिलता है

सूर्योदय के समय स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाए तो लोगों को यश और सौभाग्य मिलता है

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Aditi Sharma
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Maghi Purnima 2020: माघी पूर्णिमा आज, जानें क्या है इस दिन स्नान का विशेष महत्व

रथ सप्तमी का महत्व( Photo Credit : फाइल फोटो)

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाए जाने वाली रथ सप्तमी इस साल 1 फरवरी को मनाई जाएगी. ये तिथि बसंत पंचमी के दूसरे या तीसरे दिन पड़ती है. इसे भगवान सूर्य देव के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. इसलिए इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है. इसके अलावा इसे माघ जयंती और माघ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.

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क्या है इससे जुड़ी मान्यता?

मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य देव ने पूरे विश्व को अपनी ऊर्जा से रोशन किया था. इसी के साथ कहा जाता है कि सूर्योदय के समय स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाए तो लोगों को यश और सौभाग्य मिलता है. इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान का भी काफी महत्व है.

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रथ सप्तमी का शुभ मुहूर्त

रथ सप्तमी शुरू: 1 जनवरी 2020, शनिवार 15:50 बजे से
रथ सप्तमी खत्म: 01 फरवरी 2020, रविवार 18:08 बजे तक

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रथ सप्तमी की पूजा विधि:

1. रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके उगते हुए सूर्य का दर्शन और उन्हें अर्घ्य दें, इस दौरान ॐ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें.
2.सूर्य को अर्घ्य देने के बाद लाल आसन पर बैठकर पूर्व दिशा में मुख करके इस मंत्र का 108 बार जप करें.

''एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।

Source : News Nation Bureau

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