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Rang Panchami 2024: रंग पंचमी की आरती और इसका महत्व जानिए 

Rang Panchami 2024: रंग पंचमी होली के पांच दिन बाद मनाया जानें वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है. आइए जानते हैं इस त्योहार में की जानें वाली आरती और उसके महत्व.

Updated on: 29 Mar 2024, 02:57 PM

नई दिल्ली :

Rang Panchami 2024: रंग पंचमी होली के पांचवें दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. इस दिन भाई अपनी बहनों को रंग लगाते हैं और बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं. रंग पंचमी का त्योहार भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है. इस दिन लोग रंगों से खेलते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं. ये भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. रंग पंचमी का मुख्य महत्व भाई-बहन के प्यार को दर्शाता है. इस दिन भाई अपनी बहनों को रंग लगाते हैं और बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं. यह त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह को मजबूत करता है. ये त्योहार खुशी और उमंग का त्योहार है. इस दिन लोग रंगों से खेलते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं. यह त्योहार लोगों के जीवन में खुशी और उमंग लाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन लोग बुराई को त्यागकर अच्छाई को अपनाते हैं.

रंग पंचमी की आरती:

ॐ जय जय रंग पंचमी, जय जय रंग पंचमी

हमें रंगों से नहलाओ, जय जय रंग पंचमी

पांच रंगों की है छटा, जय जय रंग पंचमी

नीला, पीला, लाल, हरा, गुलाबी, जय जय रंग पंचमी

यह रंग हैं प्यार के, जय जय रंग पंचमी

यह रंग हैं भाई-बहन के प्यार के, जय जय रंग पंचमी

यह रंग हैं खुशी के, जय जय रंग पंचमी

यह रंग हैं उमंग के, जय जय रंग पंचमी

हे रंग पंचमी, हम तुमसे प्रार्थना करते हैं,

हमें हमेशा खुश रखो, जय जय रंग पंचमी

हमारे भाई-बहन के प्यार को बनाए रखो, जय जय रंग पंचमी

हमारे जीवन में रंगों की छटा बिखेर दो, जय जय रंग पंचमी

जय जय रंग पंचमी, जय जय रंग पंचमी

रंग पंचमी का महत्व:

होली का उत्सव: रंग पंचमी होली त्योहार का अंतिम दिन है. यह दिन प्रेम, भाईचारे, और खुशी का प्रतीक है.

भगवान कृष्ण: ये भगवान कृष्ण से भी जुड़ा हुआ है. यह माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रंग खेला था.

नया साल: कुछ लोग इसे नए साल की शुरुआत भी मानते हैं. इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं.

शुभ दिन: इसे शुभ दिन माना जाता है. इस दिन लोग नए कामों की शुरुआत करते हैं और घर में मांगलिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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