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Ramakrishna Jayanti: कौन थे स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस? जानें उनकी जयंती का महत्व

Ramakrishna Jayanti:

Updated on: 12 Mar 2024, 12:31 PM

नई दिल्ली :

Ramakrishna Jayanti: रामकृष्ण जयंती का महत्व भारतीय समाज में बहुत उच्च होता है. यह पर्व स्वामी रामकृष्ण पर आधारित है, जो एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक आध्यात्मिक गुरु थे. रामकृष्ण जी का जन्म 1836 में हुआ था और उन्होंने आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया. उन्होंने विविध धर्मों और आध्यात्मिक पथों का अध्ययन किया और अपने आध्यात्मिक अनुभवों के माध्यम से अनंत ज्ञान का प्राप्त किया. रामकृष्ण जयंती का महत्व उनके आध्यात्मिक उपदेशों, उनकी आध्यात्मिक अनुभवों को स्मरण करने और उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं का समारोह करने में है. इस दिन के अवसर पर उनके शिष्यों और भक्तों द्वारा उनकी प्रतिमा का पूजन किया जाता है और उनके आध्यात्मिक उपदेशों का अध्ययन किया जाता है. इसके अलावा, धार्मिक वाचन, सत्संग, और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. रामकृष्ण जयंती के दिन भक्तों को अपने जीवन में आध्यात्मिक दृष्टिकोण को बढ़ाने और उनके उपदेशों का अनुसरण करने की प्रेरणा मिलती है.
रामकृष्ण जयंति 2024: 

तिथि: 12 मार्च 2024

दिन: मंगलवार

महत्व: रामकृष्ण परमहंस का जन्मदिन इस दिन मनाया जाता है. 19वीं शताब्दी के महान भारतीय संत, विचारक और आध्यात्मिक गुरु थे, भक्ति आंदोलन के प्रमुख व्यक्ति, मां काली के भक्त और स्वामी विवेकानंद के गुरु थे.

उत्सव: रामकृष्ण मठ और मिशन के सभी केंद्रों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. भक्त मां काली की पूजा करेंगे और रामकृष्ण परमहंस के जीवन और शिक्षाओं पर विचार करेंगे. भजन, प्रवचन, नाट्य प्रदर्शन, और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
कुछ स्थानों पर भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा. 

रामकृष्ण परमहंस के जीवन और शिक्षाओं का महत्व:

  • रामकृष्ण परमहंस ने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया.
  • उन्होंने भक्ति और ज्ञान के मार्गों को एक दूसरे से जोड़ा.
  • उन्होंने सामाजिक सुधार और मानवतावाद के लिए काम किया.
  • उन्होंने कहा, "ईश्वर सभी में निवास करते हैं."
  • उन्होंने "जितो भक्ति, तितो ज्ञान" का सिद्धांत दिया.
  • उन्होंने "जिसकी जितनी भक्ति, उतनी ही उसकी शक्ति" का सिद्धांत दिया.

उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और लोगों को जीवन जीने का सही मार्ग दिखाती हैं. रामकृष्ण परमहंस ने एक बार कहा था, "जैसे एक दीपक से हजारों दीपक जलाए जा सकते हैं, और मूल दीपक की ज्योति कम नहीं होती, उसी प्रकार एक आत्मा से हजारों आत्माएं ज्ञान प्राप्त कर सकती हैं, और मूल आत्मा का ज्ञान कम नहीं होता." यह शिक्षा हमें बताती है कि हमें दूसरों की मदद करने से डरना नहीं चाहिए. जब हम दूसरों को ज्ञान देते हैं, तो हमारा ज्ञान कम नहीं होता, बल्कि बढ़ता है.

रामकृष्ण जयंति मनाने का तरीका: आप रामकृष्ण मठ या मिशन के किसी केंद्र में जा सकते हैं और विशेष कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं. आप घर पर मां काली की पूजा कर सकते हैं और रामकृष्ण परमहंस के जीवन और शिक्षाओं पर विचार कर सकते हैं. भजन गा सकते हैं, प्रवचन सुन सकते हैं, नाट्य प्रदर्शन देख सकते हैं और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं. रामकृष्ण जयंति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हमें रामकृष्ण परमहंस के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)