Ram Navami 2025: 6 या 7 अप्रैल कब है राम नवमी? यहां जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Ram Navami 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्री राम का अवतरण दिवस मनाया जाता है. इस शुभ दिन भगवान राम की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं रामनवमी का सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

Ram Navami 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्री राम का अवतरण दिवस मनाया जाता है. इस शुभ दिन भगवान राम की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं रामनवमी का सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

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Rajvant Prajapati
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Ram Navami 2025

Ram Navami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक हर साल चैत्र नवरात्र मनाया जाता है. इस दौरान मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है. साथ ही मनचाही सफलता पाने के लिए व्रत-उपवास भी किए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर रहती हैं. इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है. साथ ही दुख एवं संकट भी दूर होते हैं.

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चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्री राम का अवतरण दिवस मनाया जाता है. इस शुभ दिन को रामनवमी कहते हैं. रामनवमी के दिन भगवान श्री राम की पूजा की जाती है. साथ ही पूजा के समय से लेकर व्रत-उपवास तक व्रत रखा जाता है. इस शुभ दिन पर कई शुभ योग बन रहे हैं. इसी कड़ी में आइए जानते हैं रामनवमी का सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

राम नवमी का तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 05 अप्रैल, शनिवार को शाम 07:26 बजे से शुरू होगी. वहीं, नवमी तिथि 06 अप्रैल, रविवार को शाम 07:22 बजे समाप्त होगी. सनातन धर्म में उदया तिथि को माना जाता है. इस कारण राम नवमी 06 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी.

राम नवमी पूजा विधि

1. राम नवमी के दिन सुबह-सुबह नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें.
2. नवमी के दिन घर या मंदिर में श्रीराम की मूर्ति या फोटो स्थापित करें.
3. राम नवमी पर श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की पूजा करें.
4. नवमी के दौरान श्रीरामचरितमानस या रामायण का पाठ करें.
5. फिर भगवान श्रीराम को फल, मिष्ठान, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें.
6. अब राम नाम संकीर्तन करें और अंत में भगवान की आरती करें
7. फिर लोगों को प्रसाद वितरण करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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