Ram Namavi 2022, Ramcharitmanas Special Chaupai: सम्पूर्ण रामचरितमानस के पाठ के बराबर हैं ये चंद चौपाइयां, दिव्य रहस्य और चमत्कारिक वरदान से है भरपूर
शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि जो लोग किसी कारण से रामचरितमानस का सम्पूर्ण पाठ नहीं कर पाते वो अगर राम नवमी के दिन मानस की ये चंद चौपाइयां पढ़ लें तो सम्पूर्ण मानस के समान ही फल मिलता है.
नई दिल्ली :
Ram Namavi 2022, Ramcharitmanas Special Chaupai: 10 अप्रैल 2022 को देशभर में राम नवमी का तुहार मनाया जाएगा. इस दिन भगवान राम की विशेष पूजा की जाती है. माना जाता है कि राम नवमी के दिन रामचरितमानस का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. वहीं, शास्त्रों में इस बात का उल्लेख भी है कि जो लोग किसी कारण से रामचरितमानस का सम्पूर्ण पाठ नहीं कर पाते वो अगर राम नवमी के दिन मानस की ये चंद चौपाइयां पढ़ लें तो सम्पूर्ण मानस के समान ही फल मिलता है. इसके अलावा, रामचरितमानस की इन चौपाईयों में न सिर्फ रामायण के कई रहस्य छिपे हैं बल्कि इन चौपाईयों के निरंतर पाठ से व्यक्ति को भगवान श्री राम से चमत्कारिक वरदान भी मिलते हैं.
रामनवमी के पावन दिन रामचरित मानस का पाठ करने से अनेक कामनाएं पूरी होती है. इसके साथ ही पवित्र महाग्रंथ रामचरितमानस का पाठ करने से जन्म जन्मांतरों के पाप से मुक्ति, भय, रोग आदि सभी दूर हो जाते हैं. रामचरितमानस की चौपाइयां इतनी प्रभावशाली हैं कि इसके पाठ मात्र से धन की कामना रखने वाले को धन की प्राप्ति होती है. वैसे तो कहा जाता है की रामनवमी के एक दिन पूर्व से ही संपूर्ण रामचरित मानस का पाठ करने से हर तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है. अपनी समस्याओं के निवारण के लिए रामचरित मानस की केवल इन चौपाईयों का पाठ करने मात्र से शुभ फल मिलता है.
रामचरितमानस के पाठ का महत्व
रामचरितमानस में भगवान श्री राम का गुणगान और वृतांत कहा गया है. जिस घर में रामचरितमानस को सम्मान के साथ रखा और पूजा जाता है वहां पर किसी प्रकार का कोई अभाव नहीं रहता है. रामनवमी में राम नाम का जाप बहुत लाभकारी और चमत्कारिक माना जाता है. रामचरितमानस का नित्य पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है. कहते हैं जिस घर में रामचरितमानस रखी होती है वहां प्रभु श्री राम की कृपा सदैव बनी रहती है. रामचरितमानस की हर एक चौपाई आपको किसी न किसी प्रकार से लाभ पहुंचाती है. रामचरितमानस की चौपाई कई मंत्रो के जाप के बराबर फल प्रदान करती हैं. रामचरितमानस हमें जीवन जीने का सही मार्ग समझाती है.
रामचरित मानस का पाठ करने के नियम
- रामचरित मानस का पाठ करने से पहले चौकी पर पर सुंदर वस्त्र बिछाकर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें.
- सर्वप्रथम हनुमान जी का आह्वाहन करें व उन्हें राम कथा में आमंत्रित करें। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम जी के पूजन से पूर्व हनुमान जी का आह्वाहन अनिवार्य होता है. जिससे पूजा का सही फल मिल सके.
- हनुमान जी का आह्वाहन करने के पश्चात श्री गणपति का आह्वाहन करते हुए रामचरितमानस का पाठ शुरू करें.
- नियमित रूप से आप जहां तक पाठ कर सकते हैं वहां तक रामचरित मानस का पाठ करें फिर विराम देते हुए रामायण जी की आरती करें.
- रोज पवित्र तन और मन से ही रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है.
रामचरित मानस की चौपाइयां
- संपत्ति प्राप्ति के लिए
'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।
- मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु
'कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।
- आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु
बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत असहोई।।
- शत्रु नाश के लिए
बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।
- भय व संशय निवृत्ति के लिए
रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय बिहग उड़व निहारी।।
- अनजान स्थान पर भय के लिए
मामभिरक्षय रघुकुल नायक।
धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।
- भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु
सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल भगवाना।।
- विपत्ति नाश के लिए
राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।
- रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।
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