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Ram Mandir : रावण के खिलाफ युद्ध में राम जी के साथ महादेव भी थे , कहानी सुन कर आप भी बोल उठेंगे हर हर महादेव

राम और रावण का युद्ध हिन्दू धर्म के महाकाव्य, रामायण, के उत्तरकाण्ड में वर्णित है. यह युद्ध भगवान राम और लंकापति रावण के बीच हुआ था और इससे भगवान राम की विजय हुई. इस युद्ध में राम भगवान को विजय भगवान शिव के सहयोग से ही मिली , आइए जानते हैं कैसे ?

Updated on: 22 Jan 2024, 02:40 PM

नई दिल्ली:

Ramayan : राम और रावण का युद्ध हिन्दू धर्म के महाकाव्य, रामायण, के उत्तरकाण्ड में वर्णित है. यह युद्ध भगवान राम और लंकापति रावण के बीच हुआ था और इससे भगवान राम की विजय हुई. रावण ने माता सीता को हरण कर लिया था, जिससे भगवान राम ने लंका पर अद्वितीय युद्ध की घोषणा की. राम और उनके अनुयायी वानर सेना ने अयोध्या छोड़कर लंका की ओर रुख किया. भगवान राम ने अद्वितीय शस्त्र शरंग का प्रयोग करते हुए रावण के साथ महा युद्ध किया. भगवान हनुमान, सुग्रीव, लक्ष्मण और अन्य वानर सेना ने भी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया. रावण की शक्ति और विद्या का प्रदर्शन के बावजूद, भगवान राम ने अवस्था शारीरकी, धर्मनिष्ठा, और मानवीयता में जीत हासिल की. राम रावण युद्ध में भगवान राम ने श्रेष्ठता और धर्म की प्रशिक्षण दी. रावण की मृत्यु के बाद, सीता माता सुरक्षित रूप से भगवान राम के साथ अयोध्या लौटीं और उनके राजा बनने का समय आया. राम रावण युद्ध एक महत्वपूर्ण घटना है जो भगवान राम के अद्वितीय धर्मनिष्ठा और न्यायप्रियता का प्रदर्शन करती है. लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि इस युद्ध में राम भगवान को विजय भगवान शिव के सहयोग से ही मिलती थी. तो आइए जानते हैं कि शिव जी ने इस यु्द्ध में कैसे भगवान राम की मदद की थी. 

भगवान शिव और भगवान राम के बीच युद्ध का समय रामायण काल में आया था, जब भगवान राम लंका के राजा रावण का संहार करने के लिए चले गए थे। यह घटना रामायण के उत्तरकाण्ड में वर्णित है.

रावण ने अपनी ब्रह्मास्त्र शक्ति का उपयोग करके भगवान राम और उनके सेना के खिलाफ बड़ी सेना तैयार की थी। भगवान राम ने अपने भक्त हनुमान की मदद से लंका पहुंचकर रावण के साथ भयंकर युद्ध की शुरुआत की.

राम ने अपनी दिव्य धनुष "शारंग" से रावण पर अनेक शस्त्रों का प्रहार किया, लेकिन रावण की ब्रह्मास्त्र ने उन्हें बाधित कर दिया। इसके बाद, भगवान राम ने भगवान शिव की पूजा करते हुए शिवधनुष्ट्र का प्राप्ति किया और उससे रावण को समाप्त किया.

भगवान शिव की पूजा के बाद, राम ने शिवधनुष्ट्र का उपयोग करके रावण को मार दिया और उसने अपनी पतिव्रता सीता माता को उसके अत्यंत कठिन परीक्षा से मुक्त किया.

इस युद्ध के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान राम ने अपनी भक्ति, सामर्थ्य और निष्ठा के साथ भगवान शिव की कृपा प्राप्त की और रावण जैसे अधर्मी को समाप्त किया.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)