Raksha Bandhan 2025: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन पर्व का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रेशम की डोरी बांधकर उनके सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उससे जीवन भर अपनी रक्षा करने का वचन लेती हैं. वहीं राखी बांधने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, लेकिन कई बार इस पर्व को लेकर असमंजस की स्थिति बन जाती है. यदि किसी बहन का कोई भाई नहीं है तो वो किसे राखी बांधे और अगर किसी भाई की बहन नहीं है तो वो किससे राखी बंधवाएं. आइए आपको इसके बारे मे बताते हैं.
कब मनाए रक्षाबंधन
इस साल श्रावण शुक्ल चतुर्दशी, शुक्रवार यानि दिनांक 08 अगस्त 2025 को पूर्णिमा तिथि 20 घटी 34 पल अर्थात् दोपहर 01:42 बजे प्रारंभ हो जाएगी और दूसरे दिन 09 अगस्त 2025, शनिवार को 19 घटी 47 पल यानि दोपहर 01:24 बजे तक रहेगी. इसी तरह श्रवण नक्षत्र भी दिनांक 08 अगस्त 2025, शुक्रवार को 24 घटी 07 पल अर्थात् दोपहर 03:07 बजे से प्रारंभ होकर दूसरे दिन 09 अगस्त 2025, शनिवार को 25 घटी 03 पल अर्थात् दिन में 03:30 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस बार यह उत्तम संयोग बन रहा है कि श्रावण मास की पूर्णिमा और श्रवण नक्षत्र दोनों साथ पड़ेंगे.
भाई ना हो तो किसे बांधे राखी
अगर आपके परिवार में कोई भी भाई नहीं है तो आपको भगवान श्रीकृष्ण को राखी बांधनी चाहिए. सनातन परंपरा में भी पहली राखी अपने आराध्य देवता को अर्पित करने का विधान बताया गया है. ऐसे में आप अगर आप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ बांके बिहारी या फिर अपने घर में रखे हुए लड्डू गोपाल को राखी बांध सकते हैं. ऐसा करने पर पूरे साल वे आपकी रक्षा करते हुए सुख-सौभाग्य प्रदान करेंगे.
सेना के जवान
यदि आपका कोई भाई नहीं है तो आप रक्षाबंधन के दिन किसी भी सेना के जवान को राखी बांधकर उससे अपनी और राष्ट्र की रक्षा का वचन ले सकती हैं. गौरतलब है कि एक भाई जहां जीवन भर अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है तो वहीं एक सैनिक पूरे देश और समाज की रक्षा का वचन निभाता है.
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पौधों को बांधे राखी
रक्षाबंधन के दिन आप आस्था और जीवन से जुड़े पवित्र-पौधों को राखी बांध कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. यदि आपका कोई भाई नहीं है तो आप इस दिन पीपल, वट, शमी, तुलसी, बेल, केला आदि के पेड़ पर राखी बांध कर सुख-सौभाग्य की कामना कर सकती हैं.
जब बहन न हो तो किससे बंधवाएं राखी
जिन लोगों की कोई बहन नहीं होती है, उनके लिए भी रक्षासूत्र बांधने का उपाय शास्त्रों में बताया गया है. यदि आपकी कोई बहन नहीं है तो आप अपने गुरु अथवा किसी मंदिर के पुजारी से 'ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः. तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल' मंत्र का उच्चारण करते हुए रक्षासूत्र बंधवा सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)