Raksha Bandhan 2025: इन दिनों राखी को रक्षासूत्र के नाम पर लोग किसी के भी हाथ पर बांध देते हैं. जो कि धार्मिक रूप से बिल्कुल भी ठीक नहीं है. रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है. इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती है. इस साल 9 अगस्त दिन शनिवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. भाई की कलाई पर बहन द्वारा बांधी गई राखी महज कोई धागे का टुकड़ा नहीं होती, इसके गहरे मायने होते हैं. त्योहार की अपनी कुछ मर्यादाएं और परम्परा होती है, जिन्हें निभाना जरूरी होता है.
ससुर को ना बांधे राखी
ससुर को राखी बांधना उचित नहीं माना जाता है. वह घर के मुखिया होते हैं और एक बहु के लिए पिता समान होते हैं. ऐसे में उन्हें राखी बांधने से रिश्ते की मर्यादा और प्रकृति पर असर पड़ सकता है. हिंदू धर्म के किसी भी समुदाय में ससुर को राखी नहीं बांधी जाती है.
जीजा को राखी बांधना
कुछ महिलाएं बहन या नंद के पति को हंसी-मजाक में राखी बांध देती हैं, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. धार्मिक ग्रंथों में राखी सिर्फ भाई तुल्य रिश्तों को ही बांधने की बात कही गई है. वहीं जीजा को घर का दामाद माना जाता है, उन्हें राखी बांधना रिश्तों में गलतफहमी पैदा कर सकता है.
देवर को ना बांधे राखी
हंसी-मजाक में भी देवर को राखी बांधना उचित नहीं माना गया है. दरअसल शास्त्रों में भाभी-देवर के रिश्ते को मां-बेटे जैसा पवित्र बताया गया है. ऐसे में देवर को राखी बांधना ना ही रिश्तों के हिसाब से सही है, ना ही धार्मिक रूप से.
अन्य पुरुष को ना बांधे
राखी किसी भी अन्य पुरुष को तब तक ना बांधे, जब तक आप मन से उसे भाई तुल्य ना समझती हों. किसी भी दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी को राखी तभी बांधे जब वाकई आप उन्हें भाई के रूप में स्वीकार कर पाएं.
मन नकारात्मकता हो
राखी कोई औपचारिकता नहीं है. इसे तभी किसी को बांधने जब आपके मन में सामने वाले के लिए प्रेम, विश्वास और सम्मान की भावना हो. अगर किसी व्यक्ति को ले कर आपके मन में नकारात्मकता या शक है, तो केवल रस्म के लिए राखी ना बांधे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)