राधा अष्टमी व्रत आज, ऐसे करें पूजा राधा रानी बरसाएंगी कृपा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राधा की पूजा के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है. कृष्ण जन्माष्टमी की तरह ही राधा अष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ मनाते है.
नई दिल्ली :
Radha Ashtami 2021: भगवान श्रीकृष्ण का नाम अधूरा है जब तक कि उसके आगे राधा का नाम नहीं जुड़ जाता है. राधा-कृष्ण कभी एक नहीं हुए लेकिन एक दूसरे को पूरा करते हैं. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बात राधा अष्टमी ((Radha Ashtami)) का पर्व आता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी व्रत रखा जाता है. इस साल राधा अष्टमी 14 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी. इसके साथ ही अष्टमी की तिथि मां दुर्गा की पूजा के लिए भी उत्तम मानी गई है. मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राधा की पूजा के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है. कृष्ण जन्माष्टमी की तरह ही राधा अष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ मनाते है.
राधा अष्टमी शुभ मुहूर्त
राधा अष्टमी 13 सितंबर दोपहर 3.10 बजे से शुरू होगी, जो कि 14 सितंबर की दोपहर 1.09 बजे तक रहेगी. हिंदू मान्यता के अनुसार हम कोई भी पर्व उदया तिथि से लेते हैं इसलिए इस बार 14 सितंबर को राधा अष्टमी मनाई जाएगी.
राधा अष्टमी व्रत की पूजा विधि-
-सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. साफ वस्त्र धारण करें.
-इसके बाद मंडप के नीचे मंडल बनाकर उसके मध्यभाग में मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करें.
-कलश पर तांबे का पात्र रखें.
- अब इस पात्र पर वस्त्राभूषण से सुसज्जित राधाजी की मूर्ति रखें.
-तत्पश्चात राधाजी का षोडशोपचार से पूजन करें.
- ध्यान रहे कि पूजा का समय ठीक मध्याह्न का होना चाहिए.
-पूजन पश्चात पूरा उपवास करें अथवा एक समय भोजन करें.
- दूसरे दिन श्रद्धानुसार सुहागिन स्त्रियों तथा ब्राह्मणों को भोजन कराएं व उन्हें दक्षिणा दें.
राधा अष्टमी महत्व
जन्माष्टमी की तरह ही राधा अष्टमी (Radha Ashtami) का विशेष महत्व है. कहते हैं कि राधा अष्टमी का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है. इस दिन विवाहित महिलाएं संतान सुख और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं. कहते है राधा अष्टमी की पूजा करने से घर में लक्ष्मी आती हैं. भगवान कृष्ण भी प्रसन्न होते हैं.
मंगलवार को राहु काल दोपहर 3.22 बजे से दोपहर 04.55 बजे तक रहेगा. राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है.
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