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Puja Path Blunder Mistakes: जाने अनजाने भगवान को अर्पित की गई ये चीजें बना रहीं हैं आपको दुर्भाग्य का भागी

Puja Path Blunder Mistakes: अक्सर पूजा पाठ के दौरान भगवान को कई चीजें अर्पित की जाती हैं. लेकिन कुछ चीजों को अर्पित करना वर्जित माना गया है.

Updated on: 15 Jun 2022, 04:52 PM

नई दिल्ली :

Puja Path Blunder Mistakes: हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान देवताओं को चावल अर्पित करने का विधान अति प्राचीन है. जब पूजा के दौरान किसी पूजन सामग्री की कमी रह जाती है तो उसकी पूर्ति के लिए चावल चढ़ाया जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों में चावल को अक्षत कहा गया है. अक्षत का अर्थ है जो टूटा न हो. यदि चावल का टुकड़ा टुटा हुआ है तो उसे पूजा पाठ के दौरान भगवान को नहीं अर्पित किया जाता है. अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना गया है. इस लिए इसे खंडित रूप में भगवान को अर्पित न करें.

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देवताओं का प्रिय अन्न है चावल
हिन्दू धर्म ग्रंथों में चावल को देवाताओं का प्रिय अन्न कहा गया है. इसे देवान्न भी कहा गया है. इसे सबसे पवित्र और श्रेष्ठ अन्न माना जाता है. इसका रंग सफ़ेद होता है. सफ़ेद रंग शांति का प्रतीक होता है. इसे देवताओं को चढ़ाते समय यह कल्पना की जाती है कि मेरे कार्य भी इसी चावल की तरह पूर्णता को प्राप्त करे.

खंडित चावल चढ़ाने से देवता होते हैं नाराज
धार्मिक मान्यता है कि खंडित या टूटा हुआ चावल भगवान को चढाने से भगवान नाराज होते हैं. इस लिए पूजा में सदैव अखंडित चावल ही चढ़ायें. कहा जाता है कि शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से शिवजी अतिप्रसन्न होते हैं और भक्तों को अखंडित चावल की तरह अखंडित धन, मान-सम्मान प्रदान करते हैं.

सभी देवताओं को चढ़ाया जाता है अक्षत
अक्षत सभी देवताओं को चढ़ाया जाता है. इसके चढ़ाने के पीछे की मान्यता है कि भगवान हमारे सभी काम अखंडित चावल की भांति अखंड रूप से अर्थात बिना किसी रूकावट के पूरे करें.