Premanand Maharaj Tips: खाना हमारे जीवन के लिए काफी ज्यादा जरूरी है. खाना हमें ताकत देता है. आपने कई लोग ऐसे देखें होंगे या फिर आपने खुद ने भी ऐसा किया ही होगा कि आपने खाना लिया होगा और उसके बाद खाना थाली में अधूरा छोड़ दिया. जिससे की अन्न देवता का अपमान होता है. शास्त्रों में भोजन से संबंधित कुछ नियमों का जिक्र किया गया है, जिनका पालन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है. वहीं प्रेमानंद महाराज जी ने बताया है कि अगर आपकी थाली में झूठा बच जाए तो आपको क्या करना चाहिए.
खाने को लेकर मान्यताएं
हमारे देश में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. कई चीजों को लोग शुभ-अशुभ संकेत से जोड़ कर देखते हैं. इसी तरह भोजन या अन्न को लेकर भी कुछ मान्यता है. अन्न को मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार जिस घर में अन्न का अपमान होता है वहां मां अन्नपूर्णा और देवी लक्ष्मी विराजमान नहीं होती हैं. इसलिए कहा जाता है कि गलती से भी अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज ने बताया तरीका
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि खाना झूठा बच जाने पर पशु-पक्षियों के लिए घर के बाहर रख देना चाहिए या फिर आप इसे छत पर भी रख सकते हैं. उन्होंने बताया कि खाने को फेंकने या गाड़ने से अच्छा है कि वो किसी पशु-पक्षियों के पेट में चल जाएगा. वह जीव उस भोजन का अधिकारी होता है. आपको अपनी थाली या प्लेट में उतना ही खाना लेना चाहिए जितना आप खाना खा सकते हैं.
पशु-पक्षी के लिए निकालें
अगर फिर भी आपका खाना बच जाता है और उसे अगर कोई पशु-पक्षी खा लेता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है. सही यह होगा कि आप अपने झूठा खाना किसी और व्यक्ति को ना खिलाएं ऐसा करना अपराध हो सकता है. अगर आपको लग रहा है कि आपने अपनी प्लेट में ज्यादा खाना ले लिया है तो उसे अलग से निकालकर रख दें और पशु-पक्षियों को दे दें. इससे आपको पुण्य ही प्राप्त होगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)