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कल मनाया जाएगा भौम प्रदोष व्रत? जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त( Photo Credit : File Photo)
Pradosh Vrat 2020: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है. माना जाता है कि जो आदमी प्रदोष व्रत रखता है, उस पर महादेव की कृपा बरसती है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है और शास्त्रों में इस व्रत का खास महत्व का वर्णन किया गया है. कल 29 सितंबर मंगलवार को प्रदोष व्रत है. मंगलवार के दिन पड़ने से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा. यह व्रत अधिकमास (Adhik maas) का प्रदोष व्रत है.
प्रदोष व्रत की कथा : एक पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रदेव ने महाराजा दक्ष की 27 पुत्रियों से विवाह किया था. उनमें से एक बहुत प्रिय थी. इससे कुपित होकर महाराजा दक्ष ने चंद्रदेव को क्षय रोग का श्राप दे दिया. यह श्राप लगने से चंद्रदेव मृत्यु की अवस्था में पहुंच गए. हालांकि महादेव की कृपा से प्रदोष काल में चंद्रदेव को जीवनदान मिला. इसके बाद से ही प्रदोष व्रत रखे जाने का प्रचलन शुरू हो गया.
पूजा की विधि : सुबह उठकर स्नान करें और फिर बादामी रंग के वस्त्र पहनें. सफेद कपड़े पर स्वास्तिक बनाएं और भगवान गणेश जी का ध्यान करें. फिर महादेव की प्रतिमा विराजित करें और उन्हें सफेद फूलों के हार पहनाएं. इसके बाद दीप और धूप भी जला दें. 108 बार ओम नम: शिवाय का जाप करें और शिव चालीसा, शिव स्तुति और शिव आरती करें. भगवान शिव को मिठाई का भोग लगाएं.
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त : 28 सितंबर को रात 8:58 बजे से त्रयोदशी तिथि का आरंभ होगा और 29 सितंबर रात 10:33 बजे तक रहेगा. शाम 6:10 बजे से 8:34 बजे तक प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त होगा.
Source : News Nation Bureau