प्रदोष व्रत या भौम प्रदोष व्रत मंगलवार को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को रखने से लंबे समय के कर्ज से मुक्ति मिलती है।
यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें। वैसे तो महादेव को ही मुख्य देवता माना जाता है, लेकिन उनके साथ उनकी पत्नी देवी पार्वती की भी पूजा होती है।
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कैसे करें पूजा
भगवान शिव का ध्यान करने के बाद बेल पत्र, चावल, फूल, पान-सुपारी चढ़ाकर दीप दिखाएं। दिन भर शिव मंत्र का जाप करें। आप 'ओम नम: शिवाय' या 'ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम' मंत्र का जाप कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा का करें पाठ
दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को शिव की पूजा करें। हनुमान चालीसा का पाठ करना भी लाभदायी होता है। इस व्रत को करने से मंगल ग्रह भी शांत होता है। वहीं हर तरह का दोष मिट जाता है।
Source : News Nation Bureau