logo-image

Pongal 2021 : दक्षिण भारत में क्‍यों मनाया जाता है पोंगल और क्‍या है इसका रिवाज

कल 14 जनवरी को देशभर में मकर संक्रांति का त्‍योहार मनाया जाएगा. हालांकि कई जगहों पर इस दिन स्‍थानीय त्‍योहार भी प्रमुखता से मनाए जाते हैं. जैसे दक्षिण भारत में इस दिन पोंगल का पर्व (Pongal 2021 Date and Time) मनाया जाता है.

Updated on: 14 Jan 2021, 08:24 AM

नई दिल्ली:

कल 14 जनवरी को देशभर में मकर संक्रांति (Makar sankranti) का त्‍योहार मनाया जाएगा. हालांकि कई जगहों पर इस दिन स्‍थानीय त्‍योहार भी प्रमुखता से मनाए जाते हैं. जैसे दक्षिण भारत में इस दिन पोंगल का पर्व (Pongal 2021 Date and Time) मनाया जाता है. पोंगल 14 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जाता है. मकर संक्रांति और लोहड़ी (Makar Sankranti and Lohri) की तरह पोंगल भी नई फसल के आने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. पोंगल के त्योहार को तमिलनाडु में नए साल के रूप में भी मनाया जाता है. तमिल महीने 'तइ' की पहली तारीख से पोंगल शुरू हो जाता है. 

पोंगल के पहले दिन लोग सुबह स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं. इसके बाद नए बर्तन में दूध, चावल, काजू, गुड़ आदि मिलाकर पोंगल नाम का भोजन बनता है. सूर्य को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद को पोंगल कहते हैं. पूजा के बाद लोग एक दूसरे को पोंगल और तमिल नववर्ष की बधाई भी देते हैं. 

पोंगल के त्योहार पर गाय-बैलों की भी पूजा की जाती है. इस दिन किसान बैलों को स्नान कराकर उन्हें सजाते हैं. इस दिन घर में मौजूद खराब चीजों को जलाया जाता है और नई वस्तुओं को लाकर सजाया जाता है. 

तमिलनाडु में पोंगल पूरे उत्साह से मनाया जाता है. इस त्योहार के पहले दिन को 'भोगी पोंगल', दूसरे दिन को 'सूर्य पोंगल', तीसरे दिन को 'मट्टू पोंगल' और चौथे दिन को 'कन्नम पोंगल' कहते हैं. इन चार दिनों में हर दिन अलग-अलग रीति रिवाजों का पालन किया जाता है.