Vastu Shastra Niyam: वास्तु शास्त्र में घर की साफ-सफाई का विशेष महत्व बताया गया है. साफ-सुथरा और स्वच्छ घर न केवल परिवार के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा भी ऐसे घर पर बनी रहती है. पोछा लगाने का सही तरीका और दिशा भी वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. आइए जानते हैं, वास्तु के अनुसार पोछा लगाने के कुछ खास नियम, जो घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं.
पोछा लगाने का वास्तु नियम (pocha lagane ke vastu tips)
- वास्तु के अनुसार, घर में पोछा हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा से शुरू करके दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर लगाना चाहिए. यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करती है और घर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालती है.
- पोछा लगाने का सबसे शुभ समय सुबह का होता है. यह समय ऊर्जा और शुद्धता का प्रतीक माना गया है. रात में पोछा लगाने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है. रात में पोछा लगाने से देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.
- सप्ताह में कम से कम एक दिन पोछा लगाने के पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं. सेंधा नमक नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
- पोछा लगाने के लिए साफ कपड़ा या वाइपर का उपयोग करें. गंदा कपड़ा या पुराने पोछे का इस्तेमाल न करें. पोछा लगाते समय पानी फर्श पर अधिक मात्रा में फैलाने से बचें, इससे ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है.
- वास्तु शास्त्र में झाड़ू और पोछे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है. इन्हें कभी भी खुले में न रखें और हमेशा घर के एक कोने में या अलमारी में रखें.
- अगर संभव हो, तो हफ्ते में एक बार पोछे के पानी में थोड़ा गौमूत्र मिलाकर घर में पोछा लगाएं. यह घर को पवित्र बनाने के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की कृपा आपके घर पर बनाए रखेगा.
- पोछा लगाते समय मस्तक झुकाकर विनम्रता के भाव से काम करें. यह देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.
- वास्तु शास्त्र के इन सरल नियमों का पालन करके आप न केवल अपने घर को स्वच्छ और सुंदर बना सकते हैं, बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं. घर की साफ-सफाई में लापरवाही न करें और हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए सही दिशा और समय में पोछा लगाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)