PM Narendra Modi Ganga Puja: कलावा बंधे तांबे के कलश से गंगा नदी में दूध अर्पित करने का धार्मिक महत्व
PM Narendra Modi Ganga Puja: गंगा सप्तमी के दिन जिस तरह से पीएम मोदी ने गंगा जी की पूजा की है उस बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते. तांबे के कलश पर कलावा बांधकर उससे गंगा मईया को दूध अर्पित करने के क्या लाभ हैं आइए जानते हैं.
PM Narendra Modi Ganga Puja: गंगा सप्तमी के दिन जिस तरह से पीएम मोदी ने गंगा जी की पूजा की है उस बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते. तांबे के कलश पर कलावा बांधकर उससे गंगा मईया को दूध अर्पित करने के क्या लाभ हैं आइए जानते हैं.
PM Narendra Modi Ganga Puja( Photo Credit : News Nation)
PM Narendra Modi Ganga Puja: आज गंगा सप्तमी के दिन मोदी जी वाराणसी की लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां दशश्वामेध घाट पर गंगा नदी की विधि-विधान के साथ पूजा की. तस्वीरों में देखा गया कि मोदी जी के हाथ में कलावा बंधा तांबे का कलश है जिससे वो गंगा जी में दूध अर्पित कर रहे हैं. धार्मिक दृष्टि से इसका बहुत महत्व है. कलश और कलावा दोनों ही पवित्रता के प्रतीक हैं. तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से दूध और भी पवित्र हो जाता है. तांबे को ग्रह सूर्य से संबंधित माना जाता है. सूर्य ग्रह आयु का कारक है. तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से दीर्घायु प्राप्ति की कामना की जाती है. कलावा बंधे तांबे के कलश से गंगा नदी में दूध अर्पित करने का धार्मिक महत्व अनेक स्तरों पर देखा जा सकता है. कलावा बंधे तांबे के कलश से गंगा नदी में दूध अर्पित करना न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी लाभदायक है. गंगा नदी में दूध अर्पित करते समय पर्यावरण का ध्यान रखना जरूरी है. दूध को नदी में प्रवाहित करने से पहले पानी में मिलाकर पतला कर लेना चाहिए.
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1. पवित्रता
तांबे को एक पवित्र धातु माना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक होती है. कलावा बांधना भी पवित्रता का प्रतीक है, जो शुभता और सकारात्मकता का संचार करता है. कलावा बंधे तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से, दूध की पवित्रता और तांबे के शुभ प्रभाव मिलकर दोगुना लाभ प्राप्त होता है. कलश को देवी लक्ष्मी और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. तांबे का कलश, जो एक शुद्ध धातु है, दिव्यता और शुभता का प्रतीक है. कलावा पवित्रता और सौभाग्य का प्रतीक है. कलावा बांधना मंगल कामनाओं का प्रतीक है. गंगा नदी को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है.
2. ग्रहों का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गंगा नदी को ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है. कलावा बंधे तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से, ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और सकारात्मक ग्रहों के प्रभावों को बढ़ाने में मदद मिलती है. गंगा नदी में दूध अर्पित करने से ग्रहों को शांत किया जा सकता है और कुंडली में मौजूद दोषों से मुक्ति मिल सकती है.
3. पितृ ऋण
गंगा नदी को पितृ तीर्थ भी कहा जाता है. गंगा नदी में दूध अर्पित करने से पितरों को तृप्ति मिलती है और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है. कलावा बंधे तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से यह कार्य और भी फलदायी होता है.
कई लोग मनोकामना पूर्ति के लिए भी गंगा में दूध अर्पित करते हैं. गंगा नदी में कलावा बंधे तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है.
5. समृद्धि
देवी लक्ष्मी का वास कलश में माना जाता है. तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. तांबे को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. कलावा बंधे तांबे के कलश में दूध अर्पित करने से धन-धान्य की वृद्धि और समृद्धि प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है.
कलावा बंधे तांबे के कलश से गंगा नदी में दूध अर्पित करना न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह पवित्रता, ग्रहों के प्रभावों से मुक्ति, पितृ ऋण से मुक्ति, मनोकामना पूर्ति और समृद्धि प्राप्ति का भी साधन माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)